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Bihar Election: बिहार में 19 सीटों पर न चाहते हुए भी कांग्रेस को देना पड़ सकता है मौजूदा MLA को टिकट, जान लें वजह

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस पार्टी की रणनीति में बदलाव की संभावना है। इस बार कांग्रेस 58 से 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जो 2020 के 70 सीटों से कम है। पार्टी ने लगभग 80 सीटों का सर्वे किया है और 75 से 80 सीटों पर उम्मीदवार तय किए हैं। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनने की खबरें हैं।

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पटना

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Mukul Kumar

Oct 01, 2025

राहुल गांधी (Photo-IANS)

बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से ठीक से पहले कांग्रेस (Congress Bihar) अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव कर सकती है।

दरअसल, 2020 के बिहार चुनाव में कांग्रेस (Congress Seat Sharing) को महागठबंधन में 70 सीटें मिली थीं, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई थी।

अब पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि इस बार कांग्रेस बिहार में पिछले बार की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

मौजूदा विधायकों को फिर से मैदान में उतारने की तैयारी

सूत्रों का यह भी दावा है कि कांग्रेस इस बार सभी मौजूदा विधायकों को फिर से टिकट दे सकती है। यहां ध्यान देने वाल बात यह है कि पहले कांग्रेस के तमाम नेता बिहार में 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे।

कुछ ही दिनों पहले यह खबर भी सामने आई थी कि बिहार में कांग्रेस 90 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

वोटर अधिकार यात्रा के बाद यह जानकारी सामने आई थी, जिसमें राहुल गांधी ने बिहार के 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया था।

90 सीट वाले दावे से महागठबंधन में पैदा हो गया था विवाद

कांग्रेस के इस दावे से महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर विवाद पैदा हो गया था। राजद ने पहले कांग्रेस को केवल 50 सीटें देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे कांग्रेस ने स्वीकार नहीं किया था। अब सूत्रों के नए दावे ने सबको चौंका दिया है।

60-65 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है कांग्रेस

'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' ने कांग्रेस के एक बड़े नेता का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है। हालांकि, बिहार चुनाव को लेकर बड़ा दावा करने वाले नेता का नाम उजागर नहीं किया गया है।

बड़े नेता ने दावा किया कि बिहार में कांग्रेस इस बार 60-65 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी अपने अधिकांश मौजूदा विधायकों को मैदान में उतार सकती है। वहीं, महागठबंधन में सीट बंटवारे पर बातचीत अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पूरी होने की उम्मीद है।

इसलिए मौजूदा विधायकों को टिकट देना चाहती है कांग्रेस

दावा यह भी किया गया है कि कांग्रेस बिहार में अपनी जीती हुई सीट पर मौजूदा विधायकों को इसलिए फिर से उतारने की सोच रही है। ताकि टिकट नहीं मिलने से वह नाराज न हो जाएं।

बड़े नेता के दावों के मुताबिक, कांग्रेस को ऐसा लगता है कि नाराजगी के चलते मौजूदा विधायक बगावती तेवर अपनाकर कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ सकते हैं। जिससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

हरियाणा जैसी स्थिति बिहार में नहीं चाहती है कांग्रेस

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर यह जानकारी दी कि पार्टी बिहार में हरियाणा जैसी स्थिति नहीं चाहती है, जहां टिकट न मिलने के कारण विधायकों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। बिहार में कांग्रेस बागी के रूप में कोई झटका नहीं चाहते है।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि दिल्ली और बिहार में उम्मीदवार चयन को लेकर बैठकें चल रही हैं, जिनमें स्थानीय नेताओं, ब्लॉक समितियों और जिला इकाइयों से सुझाव लिए जा रहे हैं।

बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनावों में, राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 पर जीत हासिल की। भाकपा (माले) ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 पर जीत हासिल की। ​​भाकपा ने 6 में से 2 और माकपा ने 4 में से 2 सीटें जीतीं।


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