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बिहार विधानसभा चुनाव: अनंत सिंह का मंच टूटा, जमीन पर गिरे बाहुबली

Bihar Assembly Elections: मोकामा में चुनाव सभा के दौरान अनंत सिंह का मंच टूट गया। वह अपने समर्थकों के साथ नीचे गिर गए।

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मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह। फोटो- IANS

Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। उम्मीदवार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। मोकामा से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बाहुबली नेता अनंत सिंह (Anant Singh) ऊर्फ छोटे सरकार हादसे का शिकार हो गए। अनंत सिंह रामपुर-डूमरा गांव में सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इसी दौरान सभा का मंच टूट गया। इसके कारण वह अपने समर्थकों के साथ नीचे गिर पड़े। इसके बाद अनंत सिंह उठे और अपने ही अंदाज में जनता को संबोधित किया। मोकामा में अनंत सिंह की सीधी लड़ाई बाहुबली नेता चंद्रभान सिंह की पत्नी वीणा देवी से है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।

37.88 करोड़ संपत्ति के मालिक हैं अनंत, लैंड क्रूजर का है शौक

जदयू उम्मीदवार 37.88 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं। उनके पास 26.66 करोड़ की चल और 11.22 करोड़ की अचल संपत्ति है। पटना के फ्रेजर रोड पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स हसन मंजिल भी अनंत सिंह की है। उन्हें लग्जरी गाड़ियों का भी शौक है। अनंत सिंह के पास 2.70 करोड़ रुपए की टोयोटा लैंड क्रूजर है। इसके बाद 48 लाख रुपए की फॉर्च्यूनर और 5 लाख रुपए की XUV भी है।

अनंत सिंह से अमीर हैं उनकी पत्नी नीलम देवी

अनंत सिंह से अमीर उनकी पत्नी नीलम देवी हैं। वह 62.72 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति की मालकिन हैं। इसमें 13.07 करोड़ की चल और 49.65 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल है। इनके पास 77.62 लाख रुपए की इनोवा, फॉर्च्यूनर और थार जैसी कारें हैं।

अनंत सिंह के खिलाफ 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या की धमकी, अपहरण, चोरी, अवैध हथियार रखने और खूंखार अपराधियों को संरक्षण देने का मामला शामिल है।

जातीय समीकरण और बाहुबल की टक्कर

मोकामा विधानसभा सीट पटना जिले में आती है, लेकिन मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यहां भूमिहार समुदाय का वर्चस्व है, और दोनों उम्मीदवार इसी जाति से हैं। अनंत सिंह का स्थानीय जनाधार मजबूत है। वहीं, वीणा देवी को सूरजभान का राजनीतिक नेटवर्क (बलिया, मुंगेर, नवादा तक फैला) और आरजेडी का पारंपरिक वोट बैंक (यादव, मुस्लिम) मिलने की संभावना है। कहा जा रहा है कि सूरजभान की एंट्री से महागठबंधन को भूमिहार वोटों में सेंध लगाने का मौका मिला है। इसका फायदा मोकामा सहित कई अन्य सीटों पर भी देखने को मिल सकता है।