
नीतीश कैबिनेट में परिवारवाद की गूंज (Photo-IANS)
Bihar New Cabinet: बिहार में नीतीश कुमार ने 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली। उनके साथ 26 लोगों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। नीतीश के नए मंत्रिमंडल में परिवारवाद का बोलबाला रहा है। नई कैबिनेट में ज्यादातर पुराने चेहरों को ही मौका दिया है, लेकिन 26 में से 10 परिवारवादी हैं। इस सूची में बीजेपी, जेडीयू, हम और रालोमो के नेता शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार राजनीति में परिवारवाद की आलोचना करते हैं, लेकिन अब नीतीश की नई कैबिनेट में परिवारवाद हावी रहा। इस पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। आइए जानते हैं कौन हैं वे नेता…
1- सम्राट चौधरी: तारापुर से विधायक सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है। सम्राट चौधरी राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता शकुनी चौधरी राजद, कांग्रेस और समता पार्टी से कई बार विधायक रहे हैं और राबड़ी देवी सरकार में वे मंत्री भी थे। इसके अलावा, उनकी माँ पार्वती देवी भी तारापुर से विधायक रही हैं।
2- नितिन नवीन: नीतीश सरकार में मंत्री नितिन नवीन के पिता नवीन किशोर प्रसाद बीजेपी के कद्दावर नेता रहे थे। उनके निधन के बाद उपचुनाव में लोगों ने नितिन नवीन पर भरोसा जताया। यह वही समय था जब नितिन का राजनीतिक सफर शुरू हुआ। नवीन किशोर पटना पश्चिम विधानसभा सीट से 4 बार बीजेपी के विधायक रहे हैं।
3- अशोक चौधरी: मंत्री अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी कांग्रेस के बड़े नेता थे। वे बिहार सरकार में मंत्री भी रहे थे। वहीं अशोक चौधरी की बेटी शांभवी भी समस्तीपुर से लोजपा (आर) की सांसद हैं।
4- श्रेयसी सिंह: नीतीश कैबिनेट में मंत्री श्रेयसी सिंह के पिता दिग्विजय सिंह केंद्रीय नेता थे। वे पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेहद करीबी भी थे। दिग्विजय सिंह के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को उनकी पत्नी ने संभाला था। अब उनकी विरासत को बेटी श्रेयसी सिंह आगे बढ़ा रही हैं।
5- संतोष कुमार सुमन: HAM कोटे से मंत्री संतोष कुमार सुमन केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के पुत्र हैं। जीतनराम मांझी बिहार के सीएम रह चुके हैं।
6- दीपक प्रकाश: आरएलएम के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपने विधायकों के बजाय अपने बेटे पर विश्वास जताया है। RLM कोटे से दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया गया है। दीपक चुनाव तो नहीं लड़े फिर भी मंत्री बन गए। हालांकि इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता को मंत्री बनाया जा सकता है।
7- विजय कुमार चौधरी: JDU कोटे से विजय कुमार चौधरी को मंत्री बनाया गया है। विजय कुमार चौधरी के पिता जगदीश प्रसाद कांग्रेस के नेता थे। उन्होंने दलसिंहसराय सीट से तीन बार चुनाव भी जीता था। उनके निधन के बाद राजनीतिक विरासत बेटे विजय चौधरी ने संभाली है। हालांकि वे कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए।
8- लेशी सिंह: 2000 में पति बूटन सिंह की हत्या के बाद लेशी सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया। बूटन सिंह राजनेता थे और समता पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे थे।
9- रमा निषाद: बीजेपी कोटे से रमा निषाद को मंत्री बनाया गया है। रमा के पति अजय निषाद मुजफ्फरपुर से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा, ससुर कैप्टन जय नारायण निषाद भी 4 बार सांसद रहे थे।
10- सुनील कुमार: JDU कोटे से मंत्री सुनील कुमार ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में प्रवेश किया है। उनके पिता चंद्रिका राम राजनेता रहे थे। वे बिहार सरकार में मंत्री रहे थे।
Published on:
20 Nov 2025 10:09 pm
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