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निचली अदालत के 2 जजों को क्यों किया गया बर्खास्त? एक पर जमानत के बदले 5 लाख मांगने का आरोप, पढ़ें पूरा मामला

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धनंजय निकम और सिविल न्यायाधीश इरफान शेख को कदाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। अनुशासन समिति की जांच के बाद यह फैसला लिया गया। दोनों जजों के खिलाफ गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इस एक्शन से न्यायपालिका में हड़कंप मच गया है

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मुंबई

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Mukul Kumar

Oct 04, 2025

Court Judgement

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- ANI)

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के दो न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया है। कदाचार को लेकर दोनों जजों पर कार्रवाई की गई है। हाई कोर्ट के एक्शन से हड़कंप मच गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धनंजय निकम और सिविल न्यायाधीश इरफान शेख को उनके पदों से बर्खास्त किया गया है। यह फैसला एक अनुशासन समिति द्वारा की गई जांच के बाद लिया गया है।

दोनों जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप

निकम पर रिश्वतखोरी का आरोप है। जबकि शेख भी लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे थे। शेख नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई कर रहे थे।

ऐसी जानकारी मिली थी कि शेख जांच के दौरान जब्त किए गए नशीले पदार्थों का दुरुपयोग कर रहे थे। शेख के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका अभी भी लंबित है। इस बीच उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उनकी बर्खास्तगी का आदेश दिया।

जज निकम को इसलिए किया गया बर्खास्त

बता दें कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सतारा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश निकम के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में जमानत देने के बदले कथित तौर पर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया था।

भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद निकम ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दावा किया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी बात नहीं मानी और गिरफ्तारी-पूर्व जमानत देने से इनकार कर दिया।

एक महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत

दरअसल, एक महिला ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार उसके पिता एक असैन्य रक्षा कर्मचारी हैं। उन्हें सरकारी नौकरी देने के बहाने किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

निचली अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी। जिसके बाद महिला ने सतारा सत्र न्यायालय में जमानत के लिए नई अर्जी दायर की। जिसपर निकम ने सुनवाई की।

जांच के बाद पूरा मामला हो गया साफ

इसके बाद, एसीबी ने जज पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुंबई के किशोर संभाजी खरात और सतारा के आनंद मोहन खरात ने निकम के कहने पर महिला से संपर्क किया और उसे उसके पक्ष में आदेश सुनाने के बदले 5 लाख रुपये की मांग की।

जांच एजेंसी ने दावा किया कि 3 से 9 दिसंबर, 2024 के बीच की गई जांच में रिश्वत मांगने की बात स्पष्ट रूप से साबित हो गई। यह पता चला कि निकम ने खरात परिवार के साथ मिलकर रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने निकम, खराट और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।