
गरबे को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान (ANI)
नवरात्रि के गरबा महोत्सवों पर सियासत और बहस तेज हो गई है। बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गरबा आयोजनों में छोटे-छोटे कपड़ों और गैर-हिंदू समुदायों की एंट्री को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि गरबा पंडालों के मुख्य द्वार पर गोमूत्र रखा जाए, ताकि परंपराओं का सम्मान हो और अनावश्यक विवादों से बचा जा सके।
माता बंबरबेनी के दर्शन के दौरान शास्त्री ने कहा, "गरबा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, देवी की आराधना का प्रतीक। लेकिन आजकल छोटे-छोटे कपड़े और बिना सीमाओं के प्रवेश से इसकी पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं। आयोजकों को चाहिए कि वे मुख्य द्वार पर गोमूत्र का छिड़काव करें। यह न केवल शुद्धिकरण का प्रतीक है, बल्कि कुछ धार्मिक समुदायों की सीमाओं का भी सम्मान करेगा।" उन्होंने उदाहरण देते हुए जोड़ा कि जिस तरह कुछ समुदाय कुछ यात्राओं में हिस्सा नहीं लेते, वैसे ही सांस्कृतिक आयोजनों में भी अपनी-अपनी परंपराओं का पालन होना चाहिए।
विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे 'नफरत फैलाने वाला' करार दिया है, जबकि भाजपा समर्थक इसे 'सनातन रक्षा' का हिस्सा बता रहे हैं। बागेश्वर धाम के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि शास्त्री का बयान धार्मिक शुद्धता पर केंद्रित है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ। "यह सुझाव केवल परंपराओं को मजबूत करने के लिए है। गरबा में सभी का स्वागत है, लेकिन पवित्रता बरकरार रखनी चाहिए।
वहीं, जैन मुनि विनम्र सागर महाराज ने भी गरबा की छोटी और बैकलेस ड्रेस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे 'फूहड़ता' करार देते हुए शास्त्री की तारीफ की, कहा कि युवाओं को सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना जरूरी है।
Published on:
01 Oct 2025 09:49 am
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