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अमिताभ बच्चन के पॉलिटिकल करियर के बारे में जया बच्चन ने खुलकर की बात, जानें क्या कहा?

जया बच्चन ने बरखा दत्त संग बातचीत में अमिताभ संग संबंधों को लेकर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमिताभ का पॉलिटिकल करियर काफी परेशान भरा रहा।

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हमेशा गुस्से में रहने वाली जया बच्चन के इस पोस्ट से मचा बवाल, फैंस बोले- ये तो AI है...

जया बच्चन (सोर्स: X)

Jaya Bacchan: हाल ही में जया बच्चन ने मोजो स्टोरी के लिए बरखा दत्त से बातचीत में अमिताभ संग अपने संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने स्वीकार किया कि वह और अमिताभ एक-दूसरे से बहुत अलग हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन के राजनीतिक जीवन और अपने पॉलिटिकल करियर को लेकर भी चर्चा की।

जया के पॉलिटिकल एंट्री पर नहीं था परिवार खुश

जया बच्चन ने कहा कि जब वह राजनीति में प्रवेश करने के बारे में सोच रही थीं, तब बच्चन परिवार खुश नहीं था। क्योंकि मेरी एंट्री अमिताभ की छोटी और परेशान करने वाले राजनीतिक यात्रा के बाद हुई। साथ ही, बच्चन परिवार को लगता था कि मेरा यह फैसला गलत है और मैं कुछ भी बोल जाउंगी।

अमिताभ अपने पॉलिटिकल करियर के दौरान रहे होंगे परेशान

एक्ट्रेस ने अमिताभ बच्चन के पॉलिटिकल करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि वह उस दौरान काफी परेशान रहे होंगे। उनके पास राय थी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्होंने उसे व्यक्त करने के लिए वह मंच सही समझा। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। अपनी राय व्यक्त करती हूं। मैं पत्रकार की बेटी हूं, यह मत भूलिए।

अमिताभ के लिए किया था डोर टू डोर कैंपेन

अमिताभ के सक्रिय राजनीति करियर के दौरान जया बच्चन ने उनके लिए प्रचार भी किया था। बरखा दत्त से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अमिताभ का समर्थन किया। मैंने घर-घर जाकर प्रचार किया उस समय ऐसा कोई नहीं करता था। मेरा मानना था कि देश ने आपको जो बनाया है, उसके लिए आपको देश के प्रति कुछ देना चाहिए।

1894 में अमिताभ ने राजनीति में रखा था कदम

अमिताभ बच्चन ने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद हुए सिख विरोधी दंगों के बाद राजनीति में कदम रखा था। उनके करीबी दोस्त राजीव गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली और अमिताभ से इलाहाबाद से चुनाव लड़ने के लिए कहा। अभिनेता ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की, लेकिन बाद में अपनी राजनीतिक भागीदारी को “भावनात्मक” और “गलती” बताया। उन्हें बॉफोर्स कांड में भी नामित किया गया।

CBI ने 2004 में राजीव गांधी को और 2012 में स्वीडिश व्हिसलब्लोअर को क्लीन चिट दी। हालांकि, अभिनेता ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक “धोखे और झूठ के बोझ” के तहत जीना पड़ा। इसके बाद अमिताभ ने राजनीति से दूर रहने का निर्णय लिया।