
दिल्ली में लाल किले के पास ब्लास्ट। (फोटो- IANS)
दिल्ली में सोमवार को लाल किले के पास एक कार में हुए धमाके की जांच तेजी से चल रहे हैं। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि इस धमाके में किस तरह के विस्फोटक या रसायन का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन नुकसान और क्षति की गंभीरता को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें सैन्य-ग्रेड विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सूत्रों के हवाले से द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जांचकर्ताओं ने फोरेंसिक विभाग से इस बारे में राय मांगी है कि क्या कार को उड़ाने में पीईटीएन, सेमटेक्स या आरडीएक्स जैसे विस्फोटकों का उपयोग किया जा सकता है या नहीं?
शुरुआती जांच यह इशारा करते हैं कि इस धमाके में अमोनियम नाइट्रेट ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया होगा। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से कार के टायर, चेसिस, धातु के टुकड़े और विस्फोटक अवशेष इकट्ठे किए हैं, जिनकी जांच चल रही है।
नाइट्रेट तेल का इस्तेमाल औद्योगिक और तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों के लिए किया जाता है क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध होता है। इसके साथ ही यह किफायती भी होता है।
पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट (PETN) एक शक्तिशाली नाइट्रोएस्टर विस्फोटक है, जिसे अक्सर सेमटेक्स जैसे प्लास्टिक विस्फोटकों में इस्तेमाल किया जाता है। आतंकवादी इसे काफी पसंद करते हैं क्योंकि इसके रंगहीन क्रिस्टल का पता लगाना मुश्किल होता है।
अन्य रसायनों की तुलना में धमाका करने के लिए इस विस्फोटक की बहुत कम मात्रा की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, 2010 में ट्रान्साटलांटिक एयर फ्रेट बम विस्फोट की साजिश में इसे इस्तेमाल किया गया था।
PETN काफी स्थिर होता है और गर्मी या शॉक वेव से विस्फोटित हो सकता है। लगभग 100 ग्राम में यह एक कार को पूरी तरह से तबाह कर सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि न तो PETN और न ही सेमटेक्स को विस्फोटक के रूप में काम करने के लिए छर्रों की आवश्यकता होती है।
यह पदार्थ ही विस्फोट के माध्यम से भारी क्षति पहुंचाने के लिए पर्याप्त है। उधर, सूत्रों का कहना है कि विस्फटकों के बारे में सही जानकारी जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी।
Updated on:
12 Nov 2025 07:11 am
Published on:
12 Nov 2025 07:09 am
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