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Rubaiya Sayeed Kidnapping: पूर्व गृहमंत्री की बेटी की किडनैपिंग में आया नया मोड़, 10 लाख के इनामी को CBI ने किया गिरफ्तार

Shafat Ahmad Shangloo Arrest: CBI ने आरोपी को यासीन मलिक के साथ मिलकर किडनैपिंग की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी पर 10 लाख रुपये का इनाम था और पुलिस की यह तलाश 35 साल के लंबे इंतजार के बाद पूरी हुई।

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रुबैया सईद किडनैपिंग केस में CBI ने व्यक्ति को किया गिरफ्तार (Photo- @Allama_Saquib)

Srinagar Terror Cases: CBI ने एक आधिकारिक नोट में कहा कि पूर्व गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी डॉ. रूबिया सईद के अपहरण से जुड़े 35 साल पुराने भगोड़े शफात अहमद शांगलू को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। शांगलू श्रीनगर का निवासी था और उस समय के JKLF चीफ यासीन मलिक के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों में शामिल था। CBI ने कहा कि शांगलू को कानून के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर जम्मू स्थित टाडा अदालत में पेश किया जाएगा।

यासीन मलिक के साथ मिलकर रची साजिश

केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा कि शांगलू ने वर्ष 1989 के दौरान यासीन मलिक और अन्य के साथ मिलकर किडनैपिंग करने की साजिश रची थी। एजेंसी ने कहा कि उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था। सईद के अपहरण से जुड़े मामले में सीबीआई ने दो दर्जन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। 2021 में, जम्मू की एक अदालत ने मलिक समेत 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे। उनमें से दो लोगों की पहले ही मौत हो चुकी थी और शांगलू समेत 12 लोग फरार चल रहे थे।

अदालत ने तीन आरोपियों को रिहा किया 

जनवरी 1999 में टाडा अदालत ने तीन आरोपियों, शौकत अहमद बख्शी, मंजूर अहमद सोफी और मोहम्मद इकबाल गुंडरू को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। अदालत ने तर्क दिया था कि आरोपी बिना किसी मुकदमे के नौ साल से जेल में बंद थे। तब तक मलिक जमानत पर बाहर आ चुका था। 2009 में, मलिक ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में मामले को जम्मू से श्रीनगर स्थानांतरित करने के लिए याचिका दायर की थी। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने जम्मू की टाडा अदालत में मलिक के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। सीबीआई ने रोक हटाने के लिए याचिका दायर की और 2021 में जम्मू की टाडा अदालत ने मलिक सहित 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए।

शपथ के 6 दिन बाद ही किया था अपहरण

8 दिसंबर, 1989 को विश्वनाथ प्रताप सिंह (वी.पी. सिंह ) सरकार में मुफ्ती मोहम्मद सईद के केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में शपथ लेने के ठीक 6 दिन बाद, रूबैया सईद बस से घर जा रही थीं। उस समय 23 वर्षीय रूबैया श्रीनगर के लाल देद प्रसूति अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थीं और श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके नौगाम स्थित अपने घर लौट रही थीं। जैसे ही बस घर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर पहुंची, तो चार बंदूकधारी अंदर घुस आए और रूबैया को बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया और एक मारुति कार में ठूंसकर एक अज्ञात स्थान पर ले गये।