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8वीं के छात्र को क्लासमेट ने प्राइवेट पार्ट पर मारी ऐसी लात कि जान पर बन आई, करानी पड़ी सर्जरी

मैसूर में 8वीं कक्षा के एक छात्र को उसके सहपाठियों द्वारा रैगिंग के दौरान उसके प्राइवेट पार्ट्स पर लात मारी गई, जिसके कारण उसे सर्जरी करवानी पड़ी। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन सहित तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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भारत

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Himadri Joshi

Nov 10, 2025

Mysore class 8th student Ranging case

8वीं के छात्र को क्लासमेट ने प्राइवेट पार्ट पर मारी लात (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कर्नाटक के मैसूर में रैंगिंग की एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक आठवीं क्लास के छात्र को उसके क्लासमेट द्वारा इतना परेशान किया गया कि बात उसकी जान पर बन आई। बच्चे के माता पिता ने पुलिस में मामले की शिकायत करते हुए बताया कि उनके बेटे के क्लास में पढ़ने वाले तीन लड़कों ने मिल कर उनके बेटे की रैंगिंग की है। शिकायत के अनुसार, तीनों आरोपियों ने स्कूल परिसर में पीड़ित पर हमला कर दिया और इस दौरान उसके प्राइवेट पार्ट्स पर लात भी मारी जिससे उसे गंभीर चोट आई है।

घर से पैसे और फोन लाने का दबाव बनाते थे आरोपी

तीनों आरोपी पीड़ित को लंबे समय से परेशान कर रहे थे और उस पर घर से पैसे और फोन लाने का दबाव बनाते थे। इसी कड़ी में 25 अक्टूबर को तीनों आरोपी पीड़ित को स्कूल के वॉशरूम में ले गए और वहां जाकर उसे प्रताड़ित किया। इसी दौरान आरोपियों ने पीड़ित के प्राइवेट पार्ट्स पर भी हमला किया जिसके चलते उसे गंभीर चोट आई और सर्जरी करानी पड़ी। घटना के सामने आने के बाद पीड़ित ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उसे पिछले चार सालों से परेशान किया जा रहा है।

चौथी क्लास में शुरु हुई थी रैंगिंग

पीड़ित ने कहा, यह सब तब शुरू हुआ जब मैं चौथी कक्षा में था। मुझे क्लास का मॉनिटर बनाया गया और कहा गया कि जो भी कुछ गलत करे, उसकी शिकायत करूं। लेकिन मैंने जब ऐसा किया, तो उन लोगों ने मुझे पीटा। बच्चे ने आगे कहा, मेरी मां ने टीचर से शिकायत की, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। 25 अक्टूबर की घटना के बारे में पूछे जाने पर पीड़ित ने कहा, उनमें से दो ने मेरे हाथ पकड़े और एक ने मेरे प्राइवेट पार्ट्स पर दो बार लात मारी। बच्चे ने जब इस पूरी घटना के बारे में अपने परिवार को बताया तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने का फैसला लिया।

पुलिस ने पहले नहीं की FIR फिर दबाव बनाने पर दर्ज किया मामला

पीड़ित के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने पहले उनकी एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था, लेकिन उनके रिश्तेदारों के दबाव के बाद उन्होंने आखिरकार एफआईआर दर्ज कर ली। पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर जयलक्ष्मीपुरम पुलिस स्टेशन ने किशोर न्याय अधिनियम सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है। तीनों आरोपियों के साथ साथ पुलिस ने स्कूल के प्रबंधन के मुखिया और संबंधित टीचर्स के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।