
नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत। (फोटो- विकिपीडिया/पत्रिका.कॉम)
नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत अब तक पद संभालते ही कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसले दे चुके हैं। अब उन्होंने हायर ज्यूडिशियरी में जजों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करने वाली याचिका पर विचार करने की बात कही है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक वकील ने मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम की जगह नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमीशन (एनजीएसी) को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया। जिसको लेकर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस याचिका पर विचार करेगा।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शीर्ष अदालत में वकील मैथ्यूज नेदुम्परा ने एनजीएसी पर सुनवाई के लिए मौखिक अनुरोध किया था, जिसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत ने याचिका पर विचार करने की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में NJAC एक्ट और 99वें संविधान संशोधन को खारिज कर दिया था, जिसमें हायर कोर्ट में जजों की नियुक्ति में राजनेताओं और सिविल सोसाइटी को आखिरी फैसला देने की मांग की गई थी।
वकील ने कोर्ट से कॉलेजियम सिस्टम पर फिर से विचार करने और NJAC फैसले को फिर से शुरू का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछली बेंचों ने उनकी दलीलों पर ठीक से विचार नहीं किया। इस पर, नए चीफ जस्टिस ने कहा- हां हम देखेंगे।
वकील ने शीर्ष अदालत में यह भी कहा कि दूसरे बेंचों ने भी उनकी याचिका पर सही से ध्यान नहीं दिया।। जिस पर CJI ने हिंदी में कहा- अब हम हिंदी में जवाब देंगे। जान बुझाकर यह कर रहे हो तुम। हम हिंदी में बात करेंगे। हालांकि, वकील ने कहा कि वह हिंदी नहीं समझते। इस पर, नए चीफ जस्टिस ने कहा- हम याचिका पर विचार करेंगे।
कोर्ट ने 2015 में 4:1 के बहुमत से NJAC एक्ट और कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट को असंवैधानिक और अमान्य बताकर खारिज कर दिया था। तब कहा गया था- कॉलेजियम सिस्टम, NJAC से पहले जैसा था फिर से ऑपरेटिंग हो जाएगा।
हालांकि, बेंच ने यह भी माना था कि जजों द्वारा जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम सिस्टम में भी सब ठीक नहीं है और अब ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट के सिस्टम को बेहतर बनाने का समय आ गया है।
जस्टिस जे एस खेहर ने कहा था- सिस्टम को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें। आप देखिए कि दिमाग एक अद्भुत साधन है। जब अलग-अलग दिमाग और हित मिलते हैं या टकराते हैं तो विचारों में अंतर अद्भुत होता है।
Updated on:
27 Nov 2025 09:39 am
Published on:
27 Nov 2025 09:00 am
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