27 नवंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कैसे होगी जजों की नियुक्ति? खत्म होगा कॉलेजियम सिस्टम? याचिका पर विचार करेंगे नए चीफ जस्टिस

नए CJI जस्टिस सूर्यकांत ने पद संभालते ही कॉलेजियम सिस्टम खत्म करने के संकेत दिए। बुधवार को एक वकील के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया

2 min read
Google source verification

भारत

image

Mukul Kumar

Nov 27, 2025

Justice Surya Kant, CJI of India

नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत। (फोटो- विकिपीडिया/पत्रिका.कॉम)

नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत अब तक पद संभालते ही कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसले दे चुके हैं। अब उन्होंने हायर ज्यूडिशियरी में जजों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करने वाली याचिका पर विचार करने की बात कही है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक वकील ने मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम की जगह नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमीशन (एनजीएसी) को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया। जिसको लेकर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस याचिका पर विचार करेगा।

वकील ने क्या कहा?

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शीर्ष अदालत में वकील मैथ्यूज नेदुम्परा ने एनजीएसी पर सुनवाई के लिए मौखिक अनुरोध किया था, जिसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत ने याचिका पर विचार करने की बात कही।

सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में NJAC एक्ट और 99वें संविधान संशोधन को खारिज कर दिया था, जिसमें हायर कोर्ट में जजों की नियुक्ति में राजनेताओं और सिविल सोसाइटी को आखिरी फैसला देने की मांग की गई थी।

अब हम हिंदी में जवाब देंगे- नए चीफ जस्टिस

वकील ने कोर्ट से कॉलेजियम सिस्टम पर फिर से विचार करने और NJAC फैसले को फिर से शुरू का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछली बेंचों ने उनकी दलीलों पर ठीक से विचार नहीं किया। इस पर, नए चीफ जस्टिस ने कहा- हां हम देखेंगे।

वकील ने शीर्ष अदालत में यह भी कहा कि दूसरे बेंचों ने भी उनकी याचिका पर सही से ध्यान नहीं दिया।। जिस पर CJI ने हिंदी में कहा- अब हम हिंदी में जवाब देंगे। जान बुझाकर यह कर रहे हो तुम। हम हिंदी में बात करेंगे। हालांकि, वकील ने कहा कि वह हिंदी नहीं समझते। इस पर, नए चीफ जस्टिस ने कहा- हम याचिका पर विचार करेंगे।

कोर्ट ने 2025 में क्या कहा था?

कोर्ट ने 2015 में 4:1 के बहुमत से NJAC एक्ट और कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट को असंवैधानिक और अमान्य बताकर खारिज कर दिया था। तब कहा गया था- कॉलेजियम सिस्टम, NJAC से पहले जैसा था फिर से ऑपरेटिंग हो जाएगा।

हालांकि, बेंच ने यह भी माना था कि जजों द्वारा जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम सिस्टम में भी सब ठीक नहीं है और अब ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट के सिस्टम को बेहतर बनाने का समय आ गया है।

सिस्टम को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें- जे एस खेहर

जस्टिस जे एस खेहर ने कहा था- सिस्टम को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें। आप देखिए कि दिमाग एक अद्भुत साधन है। जब अलग-अलग दिमाग और हित मिलते हैं या टकराते हैं तो विचारों में अंतर अद्भुत होता है।


बड़ी खबरें

View All

बिहार चुनाव

राष्ट्रीय

ट्रेंडिंग