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CM रहते हुए पहली बार नीतीश ने छोड़ा गृह मंत्रालय, क्या चिराग के कहने पर हुआ ऐसा? अब BJP के सामने बड़ी चुनौती

बिहार में जदयू-भाजपा के पास अब पावर बैलेंस में बराबर की हिस्सेदारी हो गई है। भाजपा कोटे में गृह मंत्रालय जाने से पार्टी की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है।

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पटना

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Mukul Kumar

Nov 22, 2025

BIhar Politics: नीतीश कुमार के साथ NDA के चुने गए विधायक

नीतीश कुमार के साथ NDA नेता। (फोटो - JDU X handle)

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री रहते हुए पहली बार बिहार में गृह विभाग छोड़ दिया है। उन्होंने यह विभाग भाजपा को सौंप दिया है, जिसकी जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दी गई है।

इस मंत्रालय पर मुख्यमंत्री का लगभग 20 साल तक नियंत्रण रहा। उनके हाथ से यह विभाग जाते ही यह संकेत मिल रहा है कि राज्य के पावर बैलेंस में अब भाजपा-जदयू की बराबरी की हिस्सेदारी हो गई है।

लॉ एंड ऑर्डर को सबसे ऊपर रखना चाहती है भाजपा

सियासी जगत के कुछ जानकारों के अनुसार, एनडीए के अंदर लंबी बातचीत के बाद सम्राट चौधरी को गृह विभाग का प्रभारी बनाया गया है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नई सरकार कानून-व्यवस्था को अपनी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखना चाहती है।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने चुनाव से पहले बिहार के अपराध दर पर खूब सवाल उठाए थे। उन्होंने अपनी ही गठबंधन सरकार की खूब आलोचना की थी। माना जा रहा है कि चिराग की सलाह पर ही भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश से गृह विभाग के लिए आग्रह किया था। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

भाजपा के सामने क्या है चुनौती?

बिहार में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद अब भाजपा के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। बिहार में अपराध पर हर हाल में नियंत्रण करना होगा, क्योंकि अब अपराध की सीधी जवाबदेही भाजपा की होगी।

इसके अलावा भाजपा के पास अब संवेदनशील सीमांचल इलाके में ज्यादा जिम्मेदारी आ गई है, जहां एनडीए ने पूरे चुनावी मौसम में अवैध घुसपैठ पर गहरी चिंता जताई थी।

वित्त विभाग जदयू के पास

इधर, जदयू ने वित्त विभाग अपने पास रखा है। वरिष्ठ नेता विजेंद्र प्रसाद यादव इस विभाग का नेतृत्व करेंगे। ये नौ बार के विधायक हैं।

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को राजस्व एवं भूमि सुधार के साथ-साथ खनन एवं भूतत्व विभाग का पोर्टफोलियो दिया गया है। मंगल पांडे स्वास्थ्य और विधि विभाग देखेंगे।

बता दें कि गुरुवार को शपथ लेने वाले 26 मंत्रियों में से 18 को विभाग आवंटित कर दिए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- बाकी विभाग, जो अभी तक बांटे नहीं गए हैं, मुख्यमंत्री के पास ही रहेंगे।

बिहार में सबसे ज्यादा भाजपा कोटे से मंत्री

गौरतलब है कि बिहार में सबसे ज्यादा भाजपा कोटे से मंत्री बनाए गए हैं। जदयू के केवल आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।

इसके बाद चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) के दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है। वहीं जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से भी एक-एक सदस्य ने मंत्री पद की शपथ ली है।