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दिल्ली में मुत्ताकी की मौजूदगी से तिलमिलाए पाक रक्षा मंत्री, “अफगान हमेशा भारत के…”

अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा ने भारत-तालिबान संबंधों में नया मोड़ ला दिया है। वहीं, इस दौरे से पाकिस्तान में कूटनीतिक हलचल और बेचैनी बढ़ गई है।

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भारत

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Devika Chatraj

Oct 10, 2025

मुत्ताकी की मौजूदगी से बौखलाया पाकिस्तान (ANI)

अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की दिल्ली यात्रा ने पाकिस्तान को बुरी तरह झकझोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा यात्रा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद मुत्ताकी 9 अक्टूबर को नई दिल्ली पहुंचे, जहां वे 16 अक्टूबर तक रहेंगे। इस दौरान वे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, मानवीय सहायता और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। लेकिन इस कूटनीतिक कदम से पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बेहद बेचैन नजर आ रहे हैं।

भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों पर टिप्पणी

एक हालिया इंटरव्यू में आसिफ ने भारत-अफगानिस्तान के गहराते रिश्तों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "अफगान हमेशा भारत के वफादार रहे हैं।" आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की उस चिंता को उजागर करता है, जो तालिबान शासन के बाद भी भारत के साथ अफगानिस्तान के पुराने संबंधों से उपजी है। उन्होंने अफगान अधिकारियों पर आतंकवादियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया, जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकता है।

भारत-तालिबान संबंधों में बड़ा मोड़

मुत्ताकी की यह यात्रा 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद किसी अफगान मंत्री की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है। भारत ने हमेशा अफगानिस्तान के प्रति मानवीय सहायता का रुख अपनाया है, लेकिन पाकिस्तान इसे अपनी क्षेत्रीय रणनीति के लिए खतरा मानता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और क्षेत्रीय स्थिरता के संदर्भ में। रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) हेमंत महाजन ने कहा, "यह भारत-तालिबान संबंधों में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।"

द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरुरी

पाकिस्तान की बौखलाहट के बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि मुत्ताकी के दौरे से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए उत्सुक हैं।" इधर, पाकिस्तान में अफगानी शरणार्थियों की संख्या 29 लाख से अधिक होने के बावजूद, आसिफ का बयान अफगानिस्तान पर भारत की 'वफादारी' का आरोप लगाकर आंतरिक असंतोष को भी दर्शाता है।