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दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन: शिक्षा की आड़ में ‘आतंक’ का अड्डा! फर्जी नैक ग्रेड का पर्दाफाश

फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर पत्रिका के रिपोर्टर विकास सिंह की ग्राउंड रिपोर्ट में कई चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं। यूनिवर्सिटी न सिर्फ आतंकियों को ‘वाइट कॉलर’ पनाह दे रही थी, बल्कि धर्मांतरण और देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बन चुकी थी। पढ़ें पूरी खबर...

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दिल्ली ब्लास्ट पर ग्राउंड रिपोर्ट (फोटो- पत्रिका)

Delhi Blast: फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी, जो खुद को शिक्षा का मंदिर बताती है, अब आतंकी साजिशों, शैक्षिक फर्जीवाड़े और कट्टरपंथ के केंद्र के रूप में उजागर हुई है। दिल्ली लाल किला ब्लास्ट के मुख्य आरोपी के यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर होने के खुलासे के बाद जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यूनिवर्सिटी न सिर्फ आतंकियों को ‘वाइट कॉलर’ पनाह दे रही थी, बल्कि धर्मांतरण और देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा बन चुकी थी। वहीं, फर्जी नैक मान्यता के जरिए हजारों छात्रों का भविष्य भी खतरे में डाला जा चुका है।

  1. आतंक का 'वाइट कॉलर' मॉड्यूल: जांच का केंद्र यूनिवर्सिटी के मेडिकल फैकल्टी के डॉक्टर हैं। मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी दिल्ली ब्लास्ट केस में पकड़ा गया और यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। दो अन्य डॉक्टर — डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन शाहिद — विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार हुए। यूनिवर्सिटी ने डॉ. निसार उल हसन को भी नौकरी दी, जिन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 2023 में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के कारण बर्खास्त किया था।
  2. कैंपस का माहौल: डर, धर्मांतरण और नारे: कैंपस में शिक्षा से अधिक कट्टरपंथी माहौल हावी है। कुछ छात्रों ने बताया कि दो हिंदू-सिख छात्राओं का धर्मांतरण कराया गया, जो बाद में बुर्का पहनने लगीं। हिंदू छात्र, जो कैंपस में अल्पसंख्यक हैं, भयभीत हैं और खुलकर बोलने से डरते हैं। भारत-पाक मैच के दौरान 'पाकिस्तान जिंदाबाद' जैसे नारे लगाए जाने की शिकायतें भी मिली हैं, जिससे तनाव का माहौल बनता है और गार्ड्स तैनात करने पड़ते हैं।
  3. फर्जी ‘ए’ ग्रेड और बंद वेबसाइट: आतंकी कनेक्शन उजागर होते ही यूनिवर्सिटी का शैक्षिक फर्जीवाड़ा भी सामने आ गया। नैक ने ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है, क्योंकि यूनिवर्सिटी 2016 और 2018 में खत्म हुई मान्यता को अब तक वेबसाइट पर ‘ए ग्रेड’ बताती रही। पत्रिका की जांच शुरू होते ही वेबसाइट (alfalahuniversity.edu.in) आम यूजर्स के लिए बंद कर दी गई। यूजीसी ने मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी है, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में है।
  4. भर्ती, कश्मीर कनेक्शन और ईडी जांच: मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कश्मीरी छात्रों व डॉक्टरों की संख्या असामान्य रूप से अधिक है। छात्रों ने बताया कि 40% से अधिक स्टूडेंट और 80% फैकल्टी कश्मीर से हैं, जिससे कैंपस में एकतरफा विचारधारा को बढ़ावा मिला। अब ईडी विदेशी फंडिंग और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। यूनिवर्सिटी मैनेजर और 50 से अधिक कर्मचारियों से पूछताछ हो चुकी है, जबकि हरियाणा पुलिस ने दिल्ली ओखला स्थित हेड ऑफिस से दस्तावेज जब्त किए हैं।