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दुर्गापूजा का मजा किरकिरा कर देगी बारिश, 26 से 2 अक्टूबर तक इन राज्यों में बहुत भारी बारिश, जान लें मौसम का हाल

दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी का दौर शुरू हो गया है। 15 अक्टूबर तक मानसून पूरी तरह लौट जाएगा। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि दुर्गापूजा के दौरान यानी 26 से 2 अक्टूबर तक देश के पूर्वी और मध्य भारत में झमाझम बारिश की संभावना है। विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने को कहा है।

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Rajasthan weather again change New System will Active IMD Warning 28 September to 3 October Heavy Rain and Thundershowers

फाइल फोटो पत्रिका

IMD अपडेट: देश भर में मानसूनी सीजन में जमकर बारिश हुई। मानसून की वापसी का दौर शुरू हो गया है। दक्षिण पश्चिम मानसून राजस्थान से लौटने लगा है, लेकिन अभी भी देश के पूर्वी और मध्य इलाके में भारी से अति भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे दुर्गापूजा (Durga Puja) का मजा किरकिरा हो सकता है। मौसम विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग की मानें तो 29 और 30 सितंबर को पूर्वी मध्य प्रदेश, 28, 29, 30 को पश्चिमी मध्य प्रदेश, 27 सितंबर और 1 अंडमान निकोबार द्वीप समूह, 26 से 28 सितंबर तक पश्चिम बंगाल और 27 सितंबर को ओडिशा में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने कहा कि मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में कई इलाकों में भी 26 सितंबर से 1 अक्टूबर तक बारिश होगी। वहीं, भारत के पश्चिमी क्षेत्र सौराष्ट्र और कच्छ में 28 से 30 सितंबर के दौरान अति भारी बारिश की संभावना है।

इस दिन से सर्दी दे सकती है दस्तक

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अक्टूबर शुरू होते ही सर्दी दस्तक दे सकती है और सुबह-शाम ठंड पड़ने लगेगी यानी प्री-विंटर शुरू होने का अनुमान है। अक्टूबर खत्म होते-होते नवंबर में उत्तर भारत के कई राज्यों में कोहरा छाने लगेगा। साथ ही, सर्दी बढ़ेगी और ठंडी हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग ने कहा कि 15 अक्टूबर के बाद उत्तराखंड और हिमाचल के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी देखने को मिल सकती है।

कब तक लौट जाएगा मानसून

15 सितंबर से मानसून की वापसी का दौर शुरू हो गया है। 15 अक्टूबर को कर्नाटक के रास्ते मानसून पूरी तरह से लौट जाएगा। इस साल मानसून 24 मई को केरल पहुंचा था, जो साल 2009 के बाद सबसे पहली बार आया था। इस सीजन मानसून के दौरान 778.6 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 836.2 मिमी बारिश हुई। यह सामान्य बरसात के मुकाबले 7 फीसदी ज्यादा है। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश (538.1 मिमी) के मुकाबले 34 फीसदी अधिक यानी 720.4 फीसदी बारिश हुई। मध्य भारत में 978.3 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 882 मिमी से 11 प्रतिशत ज्‍यादा है, जबकि दक्षिणी भारत में सामान्य 611 मिमी से 7 प्रतिशत ज्‍यादा हुई है।