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कांग्रेस से दूर होते जा रहे हैं शशि थरूर? स्ट्रेटेजिक मीटिंग में नहीं पहुंचे, बताई ये वजह, दीक्षित ने बोला हमला

कांग्रेस सांसद शशि थरूर एकबार कांग्रेस की अहम मीटिंग में नहीं पहुंचे। इसके बाद संदीप दीक्षित ने उन पर फिर से हमला बोला है।

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Sandeep Dixit and Shashi Tharoor

संदीप दीक्षित और शशि थरूर (फोटो-IANS)

Shashi Tharoor: केरल (Kerala) में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। तिरुवनंतपुरम से चार बार के कांग्रेस सांसद शशि थरूर इन दिनों पार्टी से अलग-थलग चल रहे हैं। वह एकबार फिर पार्टी की अहम मीटिंग से नदारद रहे। इससे पहले वह SIR को लेकर होने वाली मीटिंग में भी नहीं पहुंचे थे।

कांग्रेस की मीटिंग में नहीं पहुंचे

दरअसल कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के मेंबर और MP शशि थरूर स्ट्रेटजिक ग्रुप की जरूरी मीटिंग में नहीं पहुंचे। 30 नवंबर को संसद की शीतकालीन सत्र को लेकर भी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। उससे भी शशि नदारद रहे। हालांकि, शशि थरूर ने पार्टी को मीटिंग में नहीं पहुंचने की वजह भी बताई है। थरूर ने कहा कि वह केरल में अपनी 90 वर्षीय मां के साथ समय बिता रहे हैं।

संदीप दीक्षित ने फिर बोला हमला

शशि थरूर के बार-बार मीटिंग से गायब रहने पर पार्टी में तरह-तरह की चर्चा होने लगी है। शशि पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में ज्यादा पता है। अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए। आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि सांसद हैं। उन्होंने कहा कि अगर थरूर को सच में लगता है कि BJP या पीएम मोदी की स्ट्रेटेजी कांग्रेस से बेहतर काम कर रही है तो आपको एक्सप्लेनेशन देना चाहिए। आप एक्सप्लेनेशन नहीं दे रहे हैं, तो आप दोगले हैं।

इससे पहले थरूर ने पीएम मोदी को लेकर किया था पोस्ट

इससे पहले शशि थरूर ने एक पोस्ट में कहा था कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अब सिर्फ एक 'उभरता हुआ मार्केट' नहीं है, बल्कि दुनिया के लिए एक 'उभरता हुआ मॉडल' है और इसकी इकोनॉमिक मजबूती पर भी ध्यान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हर समय इलेक्शन मोड में रहने का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए इमोशनल मोड में थे।

थरूर ने आगे लिखा- पीएम मोदी ने भारत की विरासत, भाषाओं और नॉलेज सिस्टम पर गर्व वापस लाने के लिए 10 साल के नेशनल मिशन की अपील की। ​​ कुल मिलाकर, पीएम के भाषण ने एक इकोनॉमिक नजरिया और एक्शन के लिए एक कल्चरल कॉल दोनों का काम किया, जिसमें देश से तरक्की के लिए बेचैन रहने की अपील की गई।