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ठगी का बदला लेने के लिए बना महाठग! 999 के बदले 300 लोगों से इतने ठगे, पुलिस भी रह गई दंग

Copycat Fraud: दिल्ली पुलिस शहर में साइबर अपराध को रोकने के लिए ऑपरेशन 'साइबर हॉक' चला रही है। इस ऑपरेशन के तहत दिल्ली पुलिस ने 300 लोगों को ठगने के आरोप में तीन लोगों को पकड़ा है।

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Cyber Crime

साइबर अपराध (फाइल फोटो)

Delhi Cyber Crime: दिल्ली के एक व्यक्ति से 7 साल पहले नौकरी के नाम पर 999 रुपये ठगे गए थे। अब उसी व्यक्ति ने ठगी का तरीका सीखकर करीब 300 लोगों को अपना शिकार बना लिया। 2018 में मोहम्मद मेहताब आलम (36) नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुआ था। इसके बाद वह शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गया था। हालांकि पुलिस ने कथित तौर पर मामले को प्राथमिकता नहीं दी क्योंकि ठगी की राशि बहुत कम थी। इसके बाद 2019 से आलम ने ठगी करने के तरीके सीख लिए और लोगों को ठगने का धंधा शुरू कर दिया। सात साल बाद दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध विरोधी अभियान 'साइबर हॉक' के तहत नौकरी के नाम पर ठगी करने के आरोप में आलम को गिरफ्तार कर लिया है।

999 के बदले वसूल लिए 3 करोड़

जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि आलम ने 2000 रुपये से कम की राशि ठगने से शुरुआत की थी और धीरे-धीरे राशि बढ़ाता चला गया। वह दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 से अपना ठगी का काम चला रहा था। पीड़ितों से संपर्क करने के लिए उसने टेलीकॉलिंग स्टाफ भी रखा हुआ था। फर्जी कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर वह लोगों को ठगता था। आलम उन मुख्य अपराधियों में शामिल है जिन्हें हाल ही में दिल्ली दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार करीब 300 लोगों को शिकार बनाया गया है और लगभग 3 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता चला है।

आलम और साथी अपराधी गिरफ्तार

डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि मुख्य आरोपी आलम के साथ उसके साथी संदीप सिंह (35) और संजीव चौधरी (36) को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा हर्षिता और शिवम रोहिल्ला नाम के दो अन्य आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस के मुताबिक आलम 2019 से लगातार लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था। पूछताछ में उसने कॉल सेंटर के नाम पर फर्जी जॉब रैकेट चलाने की बात कबूल कर ली है। यह पूरा मामला तब सामने आया जब शाहीन बाग के एक निवासी ने शिकायत की कि नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 13,500 रुपये की ठगी की गई।

23 डेबिट कार्ड, 18 लैपटॉप और 20 मोबाइल जब्त

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (दक्षिण-पूर्व) हेमंत तिवारी ने बताया कि आलम और उसके साथियों ने पीड़ितों को नौकरी दिलाने के बहाने ठगा था। अब तक लगभग 300 पीड़ितों की पहचान कर ली गई है और करीब 3 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता लगाया गया है। यह राशि अभी और बढ़ सकती है। कुल 16 बैंक खातों की पहचान की गई है तथा 23 डेबिट कार्ड, एक हार्ड डिस्क, 18 लैपटॉप और 20 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।

डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच

डीसीपी ने बताया कि जब्त डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच की जा रही है। साथ ही बैंक स्टेटमेंट की मैपिंग, यूपीआई/वॉलेट ट्रेसिंग और एटीएम कैश-आउट स्थानों के सीसीटीवी फुटेज की जांच भी चल रही है ताकि पूरे लेन-देन का पता लगाया जा सके और अन्य संलिप्त अपराधियों की पहचान की जा सके।

साइबर क्राइम की शिकायत कहां करें?

  • आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing, EOW): दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा धोखाधड़ी के मामलों की जांच करती है। यहां आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • National Cyber Crime Reporting Portal: https://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
  • नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी सीधे शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।