6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अवैध प्रवासी बता कर बांग्लादेश भेजी गई सोनाली खातून लौटी भारत, पति को वापस लाने की उठाई मांग

अवैध प्रवासी बताकर बांग्लादेश भेजी गई पश्चिम बंगाल की गर्भवती भारतीय महिला सोनाली खातून और उनके आठ साल के बेटे को केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को वापस भारत ले आई है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Himadri Joshi

Dec 06, 2025

Sonali Khatun

सोनाली खातून (फोटो- पत्रिका ग्राफिक्स)

भारतीय नागरिक होने के बावजूद अवैध प्रवासी बता कर बांग्लादेश भेजी गई पश्चिम बंगाल की गर्भवती महिला भारत लौट आई है। सर्वोच्च न्यायालय ने दो दिन पहले केंद्र सरकार को इस महिला और उसके 8 साल के बेटे सबीर हैदर को वापस भारत लाने के आदेश दिए थे। इस महिला का नाम सोनाली खातून है और नौ महीने की गर्भवती हैं। सोनाली, उनके बेटे और उनके पति को कुछ महीनों पहले बांग्लादेश भेज दिया गया था। जिसके बाद अब आखिरकार सोनाली और उनका बेटा शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा में कई जिला प्रशासन अधिकारियों की मौजूदगी में भारत में वापिस दाखिल हो गए हैं। सोनाली ने जल्द से जल्द अपने पति को वापस लाने की मांग भी की है।

जून में दिल्ली से किया था गिरफ्तार

सोनाली का परिवार मूल रूप से पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले का रहने वाला है और वह पिछले दो दशक से भी अधिक समय से दिल्ली के रोहिणी इलाके की बंगाली बस्ती में रह रहे थे। ये लोग कबाड़ और कचरा इकट्ठा करके अपना गुजारा करते थे। सोनाली उनके पति दानिश शेख और उनके आठ साल के बेटे समेत कुल छह लोगों को 18 जून को बांग्लादेशी होने के शक में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और फिर 27 जून को इन लोगों को बांग्लादेश की सीमा के पार धकेल दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिए थे आदेश

इसके बाद सोनाली के माता पिता ने पहले कोलकाता हाईकोर्ट में और फिर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की थी। उनका दावा था कि सोनाली भारतीय है इसलिए उसे बांग्लादेश नहीं भेजा जा सकता है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, बुधवार को चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की एक बेंच ने सरकार को सोनाली और उसके बेटे को वापस लाने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए केंद्र सरकार ने मानवीय आधार पर सोनाली और उसके बेटे को वापस लाने पर सहमती दी थी।

सरकार ने कहा यह सिर्फ इंसानियत के नाते किया गया

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सोनाली बांग्लादेशी है, लेकिन वह भारत में रह रही थी। उसे इंसानियत के नाते वापस लाया जा रहा है। लगभग छह महीने बाद भारत लौटी सोनाली का कहना है कि मैं अपने देश लौट कर खुश हूं। उन्होंने आगे कहा कि, मैं चाहती हूं मेरे पति को भी सुरक्षित वापस लाया जाए। सोनाली और उनके बेटे के लौटने के बाद बीएसएफ मेंहदीपुर कैंप में सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी की गई और फिर उन्हें मेडिकल जांच के लिए मालदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। अब डॉक्टरों से अनुमति मिलने के बाद सोनाली और उनके बेटे को बीरभूम में स्थित उनके घर भेज दिया जाएगा।