Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

2 साल में दूसरी बार क्रैश हुआ तेजस, जानें स्वदेशी सुपरसोनिक फाइटर जेट से जुड़े 5 फैक्ट

Dubai Air Show Crash: दुबई एयर शो में भारत का तेजस फाइटर जेट क्रैश हो गया। भारतीय वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी भी शुरू कर दी है।

2 min read
Google source verification
Facts About Tejas

तेजस फाइटर जेट से जुड़े 5 फैक्ट (Photo-ANI)

Tejas Fighter Plane Crash: भारतीय वायु सेना का तेजस फाइटर जेट शुक्रवार को दुबई एयर शो में प्रदर्शन करते हुए आकाश में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट की मौत हो गई। यह फाइटर जेट इंडियन एयरफोर्स का तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके.1 (Light Combat Aircraft Mk.1) था, जो 17 नवंबर को शुरू हुए दुबई एयर शो में अपना प्रदर्शन करते हुए एयर शो के समापन वाले दिन 21 नवंबर को क्षतिग्रस्त हुआ। यह तेजस विमान का हादसा पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले भी मार्च 2024 में इंजन बंद होने के कारण तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है।

2024 में भी हुआ था क्रैश

पहली दुर्घटना मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर के पास हुई थी। इस घटना में पायलट विमान में से सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहा था। समाचार एजेंसियों के अनुसार, यह दुर्घटना एयरक्राफ्ट के तेल पंप में खराबी के चलते इंजन के बंद हो जाने के कारण हुई थी। यह दुर्घटना रक्षा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति को दर्शाने के लिए तीनों सेनाओं के अभ्यास में भाग लेने के कुछ ही मिनट बाद घटित हुई थी।

स्वदेशी सुपरसोनिक फाइटर जेट से जुड़े 5 फैक्ट

1 तेजस एक सिंगल सीटर फाइटर जेट है। हालांकि वायु सेना के पास एक डबल सीटर ट्रेनर संस्करण भी है, जिसको नए पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय नौसेना भी डबल सीटर संस्करण का उपयोग करती है। टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर-1 (TD-1) की पहली परीक्षण उड़ान 2001 में हुई थी, और प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (IOC) विन्यास वाले द्वितीय श्रृंखला उत्पादन (SP2) तेजस विमान की पहली उड़ान 22 मार्च, 2016 को हुई थी।

2 तेजस की अधिकतम पेलोड क्षमता (अधिकतम भार ले जाने की क्षमता) 4,000 किलोग्राम है और यह एकल पायलट, एकल इंजन विमान के रूप में संचालित होता है। यह अधिकतम 13,300 किलोग्राम भार के साथ उड़ान भर सकता है।

3 हल्का लड़ाकू विमान (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है। यह एक बहु-भूमिका वाला फाइटर जेट है, जिसे जमीनी अभियानों के लिए आक्रामक हवाई सहायता और निकट युद्ध सहायता के लिए डिजाइन किया गया है।

4 2016 में भारतीय वायुसेना की पहली स्क्वाड्रन, जिसने तेजस को शामिल किया, वह थी नंबर 45 स्क्वाड्रन, जिसको 'फ्लाइंग डैगर्स' भी कहते हैं। तेजस अपने वर्ग में सबसे छोटा और सबसे हल्का फाइटर जेट है। इस फाइटर जेट को इसका आकार और इसमें कंपोजिट मटीरियल का ज्यादा इस्तेमाल इसे हल्का बनाता है।

5 रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया परियोजना को बढ़ावा देते हुए, भारत सरकार ने अगस्त में भारतीय वायु सेना के लिए 97 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट खरीदने की परियोजना को मंजूरी दी थी।