ECI को TMC नेता की खुली चेतावनी (IANS)
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव कुणाल घोष ने शनिवार को पूर्वी बर्धमान जिले के केतुग्राम में विजया सम्मिलनी (दुर्गा पूजा के बाद का सामूहिक मिलन समारोह) को संबोधित करते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पर निशाना साधा। घोष ने चेतावनी दी कि यदि SIR प्रक्रिया के तहत एक भी वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो पार्टी दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर एक लाख समर्थकों के साथ धरना-प्रदर्शन करेगी।
घोष ने समारोह में उपस्थित जनसमूह को एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा, "SIR के खिलाफ एकजुट रहें। ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी हमारे साथ हैं। तृणमूल कांग्रेस परिवार आपके साथ खड़ा है। अगर एक भी वैध मतदाता का नाम हटाया जाता है, तो हम एक लाख लोगों के साथ दिल्ली में चुनाव आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।" उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग के बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव हार गई थी। अब वह मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर हेरफेर करना चाहती है। "उन्होंने चुनाव आयोग का दुरुपयोग किया है। दूसरे राज्यों के मतदाताओं के नाम सूची में डाल दिए हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में जैसा उन्होंने किया, वैसा ही यहां करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सीएम ममता बनर्जी उनकी चाल समझ चुकी हैं।"
घोष ने 2026 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल की शानदार जीत का भरोसा जताया। उन्होंने कहा, "2026 के चुनावों के बाद तृणमूल 250 सीटों के साथ फिर से सत्ता में लौटेगी। मुख्यमंत्री पद में कोई बदलाव नहीं होगा। विपक्ष के नेता के पद पर बदलाव होगा, क्योंकि भाजपा के पास पर्याप्त विधायक नहीं होंगे।" यह बयान ऐसे समय आया है जब ईसीआई ने पश्चिम बंगाल में SIR को 15 अक्टूबर के बाद शुरू करने के संकेत दिए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ERO) के चयन में किसी भी प्रकार के समझौते को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ईसीआई की SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक हलकों में गर्म बहस छिड़ी हुई है। आयोग ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाताओं की सीमा का सख्ती से पालन हो। राज्य में वर्तमान में 80,680 बूथ हैं, जो बढ़ाकर एक लाख तक पहुंच सकते हैं। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य की मतदाता सूची में 100 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 13,000 मतदाताओं में से करीब 50 प्रतिशत मृत पाए गए हैं। हालांकि, SIR पूरा होने के बाद ही सटीक आंकड़े सामने आएंगे।
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पहले दावा किया था कि सूची में 1.25 करोड़ फर्जी मतदाता हैं, जिनमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल हैं। इसके जवाब में तृणमूल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। ईसीआई ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने सभी जिलों को 7 दिनों के अंदर मतदाता सूची मैपिंग पूरी करने का आदेश दिया है।
Published on:
12 Oct 2025 11:32 am
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