
बंगाल में SIR का काम जारी (फोटो-IANS)
SIR in Bengal: पश्चिम बंगाल सहित देश भर के 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) जारी है। प. बंगाल की राजधानी कोलकाता में बूथ लेवल ऑफिसर्स ने विरोध प्रदर्शन किया और मार्च निकाला, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि SIR का काम अपनी गति से चल रहा है।
पश्चिम बंगाल के चीफ इलेक्शन ऑफिस (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि SIR और BLOs पर काम का दवाब अलग-अलग मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी बूथ लेवल अधिकारी की तबीयत खराब होती है, वह बीमार पड़ रहे हैं तो हमने जिलाधिकारियों से उनकी मदद करने को कहा है। अगर किसी भी बूथ लेवल अधिकारी की मौत हुई तो उसकी जांच रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
चीफ इलेक्शन ऑफिस (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल जब इस बात को मीडिया संग साझा कर रहे थे, उसी दौरान राज्य चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। वह CEO से सीधे मुलाकात की मांग पर अड़े हुए थे, जबकि उन्हें वरिष्ठ नागरिकों से मिलने की अनुमति दी गई थी। अग्रवाल ने कहा कि मैंने उन प्रदर्शनकारियों से मुलाकात नहीं की है। मैं नहीं जानता कि BLO अधिकारी रक्षा समिति क्या है? क्या यह पंजीकृत है, इसकी भी जानकारी नहीं है। मेरे सहयोगियों ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे लोगों में से सिर्फ 4 ही बूथ लेवल अधिकारी हैं।
CEO अग्रवाल ने कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों को कार्रवाई की आशंका से डरने की जरूरत नहीं है। उन्हीं चार BLOs को नोटिस जारी किया गया है, जिनके खिलाफ कदाचार के गंभीर मामले सामने आए थे। उन्होंने कहा कि हम तभी कार्रवाई करेंगे जब लगेगा कि BLOs जानबूझकर काम में देरी कर रहे हैं। हम किसी के पीछे डंडा लेकर नहीं खड़े हैं। केवल तभी कार्रवाई होती है जब कोई नियमों से हटकर सार्वजनिक हित के खिलाफ काम करता है।
उन्होंने दोहराया कि SIR प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर ही रहेगी और किसी भी नीति परिवर्तन का अधिकार केवल दिल्ली स्थित चुनाव आयोग (ECI) को है। इधर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने SIR को लेकर 2500 कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। SIR के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने नागरिकों की मदद के लिए वोट सुरक्षा कैंपेन शुरू किया है। पार्टी इस कैंपेन को 31 जनवरी तक जारी रखेगी।
बनर्जी ने कहा कि हमारा फोकस एन्यूमरेशन फॉर्म जमा कराने पर होना चाहिए। 100% फॉर्म जमा सुनिश्चित करना होगा। हमारे वार रूम अलर्ट मोड पर रहें और विधायक इसे प्राथमिकता से देखें। उन्होंने बिहार चुनाव का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि “ड्राफ्ट रोल में नाम होने के बावजूद कई वोटर मतदान केंद्र पहुंचे तो उनका नाम गायब था।” उनका कहना था कि विपक्ष द्वारा “वोट चोरी” की किसी भी कोशिश को रोकना जरूरी है।
Published on:
25 Nov 2025 11:55 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
