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फर्जी एनकाउंटर केस में एएसपी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

mp news: एडिशनल एसपी पाटीदार के साथ भोपाल क्राइम ब्रांच के एसीपी रहे मुख्यतार कुरैशी को भी 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मिली..।

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indore high court

indore high court (file photo)

mp news: मध्यप्रदेश के नीमच में 2009 में हुए बंशीलाल गुर्जर के फर्जी एनकाउंटर के मामले में बडवानी एएसपी अनिल पाटीदार को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने एडिशनल एसपी पाटीदार के साथ ही भोपाल क्राइम ब्रांच के एसीपी रहे मुख्यतार कुरैशी को भी 25 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के साल्वेंट जमानत पर अग्रिम जमानत दी है। 2009 में नीमच पुलिस ने बंशीलाल का एनकाउंटर होना बताया था लेकिन बाद में वो जिंदा मिला था।

फर्जी एनकाउंटर केस में एएसपी को जमानत

बंशीलाल गुर्जर एनकाउंटर फर्जी निकलने के बाद इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच करते हुए बीते दिनों डीएसपी ग्लैडविन एडवर्ड और प्रधान आरक्षक नीरज प्रधान को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही इस मामले में जांच के घेरे में चल रहे बडवानी एएसपी पाटीदार और भोपाल क्त्रसइम ब्रांच के एसीपी रहे कुरैशी भी लंबी छुट्टी पर चले गए थे। इस मामले में पाटीदार और कुरैशी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाया था। पाटीदार की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट विवेक सिंह ने कोर्ट के समक्ष बताया था कि पाटीदार का इस मामले में किसी ने भी नाम नहीं लिया है। न ही उनकी कोई सीधी भूमिका है। कोर्ट ने भी केस डायरी देखने के बाद माना की इस मामले में सीबीआई ने जितने भी बयान लिए हैं, उसमें तत्कालीन टीआई परशुराम सिंह की भूमिका पर ही सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में पाटीदार और कुरैशी को जमानत दी जाना चाहिए। इसके चलते कोर्ट ने दोनों को जमानत दे दी है।

2009 में हुआ था बंशीलाल गुर्जर का फर्जी एनकाउंटर

2009 में नीमच में बंशीलाल गुर्जर का फर्जी एनकाउंटर हुआ था। उस समय जो लाश गुर्जर की बताई गई थी, उसकी पहचान भी उनके परिजनों ने की थी। इसके बाद 2012 में उज्जैन में गुर्जर जिंदा पकड़ा गया था। इस मामले के सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस पूरे मामले की जांच सौंपी थी। सीबीआई की जांच में जिस लाश को पहचानने वाले सभी लोगों ने बताया था कि उन्होंने पुलिस के दबाव में उस फर्जी लाश की पहचान की थी। यहां तक की गुर्जर ने भी सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि उस समय टीआई सिंह ने ही उसे मामले को खत्म करने को लेकर आश्वस्त किया था।