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दिल्ली में 16 दिन बाद ही पलटा रेखा सरकार का आदेश, लेकिन प्रदूषण में सांस लेना अभी भी दुश्वार

Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति देखते हुए रेखा सरकार ने 11 नवंबर को 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के साथ स्कूलों में हाइब्रिड व्यवस्‍था लागू करने का आदेश दिया था। यह आदेश गुरुवार को उस समय वापस ले लिया गया, जब प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार आया।

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delhi air quality grap 3 restrictions lifted Delhi pollution update

दिल्ली प्रदूषण अपडेट।

Delhi Pollution: दिल्ली की हवा में मामूली सुधार के बाद रेखा सरकार ने 16 दिन में अपना आदेश वापस ले लिया। यानी दिल्ली में ग्रैप-3 के तहत लागू 50 प्रतिशत कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों में हाइब्रिड व्यवस्‍था खत्म कर दी गई, लेकिन प्रदूषण की स्थिति अगले ही दिन फिर से बिगड़ गई। शुक्रवार सुबह 8 बजे दिल्ली में औसतन AQI 384 दर्ज किया गया। जबकि 39 में से 19 निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। इसके अलावा दिल्ली के आस-पास के शहरों की भी प्रदूषण के मामले में स्थिति बुरी ही नजर आई। इसको लेकर दिल्ली में सीएम पद की दावेदार रहीं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री किरण बेदी ने केंद्र सरकार से तुरंत प्रभावी हस्तक्षेप की मांग भी की है।

ग्रैप-3 हटने के बाद क्या-क्या नियम खत्म हुए?

दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सिफारिश पर सीएम रेखा गुप्ता ने 11 नवंबर को सभी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया था। इसके साथ ही स्कूलों में हाइब्रिड मोड एक्टिव करने के आदेश दिए थे। इसके तहत ग्रैप-3 के तहत आने वाली सभी पाबंदियां लगाई गईं, लेकिन बीते बुधवार को दिल्ली के वायु प्रदूषण में हल्का सुधार देखा गया। इसके बाद ये पाबंदिया हटा दी गईं। यानी वर्क फ्रॉम होम से लेकर वाहनों पर लगी रोक तक कई नियमों में ढील दी गई। हालांकि ग्रैप -3 में राहत मिलने के बाद भी राजधानी की हवा अभी साफ नहीं हुई है और दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है।

दिल्ली में फिर बिगड़ा प्रदूषण का स्तर

ग्रैप-3 हटने के बाद दिल्ली में कई सख्त पाबंदियों को वापस ले लिया गया है। सबसे पहले, दफ्तरों में 50 % वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था की गई थी, उसे खत्म कर दिय गया है। अब सभी वर्कर्स नोर्मल तरीके से ऑफिस जा सकेंगे। इसके अलावा, BS-1 से BS-3 पेट्रोल व्हीकल और BS-1 से BS-4 डीजल फोर व्हील वाले व्हीकल्स पर लगी रोक भी हटा दी गई है। इन वाहनों को अब दिल्ली और एनसीआर की सड़कों पर चलने की अनुमति मिल गई है।

साथ ही, स्कूलों में चल रहा हाइब्रिड मोड भी बंद कर दिया गया है और अब बच्चों की कक्षाएं पहले की तरह सामान्य तरीके से होंगी। दूसरी ओर, दिल्ली में इस ढील के 48 घंटे बाद ही प्रदूषण फिर बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया। शुक्रवार को प्रदूषण के हॉटस्पॉट इलाकों में तेज उछाल देखा गया, जहां कई स्टेशन गंभीर श्रेणी में फिसल गए। इसमें आनंद विहार में 411, बवाना में 414, चांदनी चौक में 407, नरेला में 407, जेएलएन स्टेडियम में 401, बुराड़ी में 402, अशोक विहार में 417 और आया नगर में 402 एक्यूआई दर्ज किया गया।

क्या क्या नियम अभी भी लागू हैं?

हालांकि गुणमत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएस) ने ग्रैप 3 हटा दिया है, लेकिन जिन निर्माण या डिमोलिशन वाली साइटों को नियम तोड़ने की वजह से रोका गया था, उन्हें अभी काम शुरू करने की अनुमति नहीं मिलेगी। इन साइटों को दोबारा काम शुरू करने के लिए पहले आयोग से विशेष अनुमति लेनी होगी। बिना इस अनुमति के वहां किसी भी तरह का निर्माण कार्य फिर से शुरू नहीं किया जा सकेगा। हालांकि अभी भी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता ही नजर आ रहा है।