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लगातार बारिश से जिले के 12 बांधों पर चली चादर

जिले भर में बे-मौसम बारिश की झड़ी मंगलवार को शाम तक निरन्तर जारी रही। लगातार रिमझिम बारिश होने से खेतों में पड़ी फसलें पानी में तैरने लगी है। कई जगहों पर तिरपाल में ढके धान तक पानी पहुंच गया है। ऐसे में टूटा हुआ धान पानी के साथ बहने लगा है।

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लगातार बारिश से जिले के 12 बांधों पर चली चादर

बांध पर चली चादर

बूंदी. जिले भर में बे-मौसम बारिश की झड़ी मंगलवार को शाम तक निरन्तर जारी रही। लगातार रिमझिम बारिश होने से खेतों में पड़ी फसलें पानी में तैरने लगी है। कई जगहों पर तिरपाल में ढके धान तक पानी पहुंच गया है। ऐसे में टूटा हुआ धान पानी के साथ बहने लगा है। ऐसे में किसान अपनी बेबसी पर आंसू नहीं रोक पा रहा है। किसान अपनी फसलों का ये हाल देखकर मायूस है। वहीं दूसरी ओर से जिले में करीब 11 बांधों पर अक्टूबर माह में फिर से चादर चलना शुरू हो गई है। गुढ़ा बांध के दो गेट तीन-तीन फीट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। गुढ़ा, बरधा, चाकन, पाईबालापुरा, अभयपुरा, इन्द्राणी, रोनीजा, बसोली, बटावदी, बांकिया खाळ, चांदा का तालाब एवं नारायणपुरा बांध पर चादर चल रही है। भीमलत व रामेश्वर महादेव का झरना चलना शुरू हो गया है। बूंदी शहर में सुबह से लगातार बारिश होने से लंका गेट, खोजागेट सहित कई जगहों पर पानी भरा रहा। शाम चार बजे तक बीते चौबीस घंटों में हिण्डोली में 79, बूंदी में 97, रायथल में 74, तालेड़ा में 51, के.पाटन में 63, नैनवां में 130, इंद्रगढ़ में 57 एमएम बारिश दर्ज की गई।

बाजार में पसरा सन्नाटा
शहर में 48 घंटे से जारी बारिश के चलते दूसरे दिन भी बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। कुछ दुकानदारों ने सुबह से ही दुकानें नहीं खोली। वहीं बूंदों की झड़ी दिनभर लगी रहने से ग्राहकी भी ना के बराबर रही।

गुढ़ा बांध के दो गेट खोले, पानी की आवक जारी
हिण्डोली
. क्षेत्र के सबसे बड़े गुढ़ा बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता प्रदीप कुमार कसाना ने बताया कि गुढ़ा बांध के कैचमेंट क्षेत्र में दो दिन से बारिश हो रही है, जिसके चलते मंगलवार को सुबह 10 बजे गुढ़ा बांध के दो गेट तीन तीन फीट की ऊंचाई पर खोलकर पानी की निकासी की गई। क्षेत्र में मंगलवार को दिनभर रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा। कभी मध्यम, कभी तेज बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। नदी नालों में पानी की आवक हुई है। सर्द हवा चलने ठिठुरन बढ़ गई है। धान की फसल में काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से फसल खराबे का सर्वे करवाकर मुआवजा देने की मांग की है।