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40 फीसदी मतदाताओं का सत्यापन पूरा, 50 फीसदी नामों का नहीं हुआ मिलान, रिपोर्ट आने में हफ्ता भर लग सकता है

During the intensive revision, mapping is being done with the voter list of 2003, assembly and booths have also changed, hence the biggest problem in matching.

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During the intensive revision, mapping is being done with the voter list of 2003, assembly and booths have also changed, hence the biggest problem in matching.

During the intensive revision, mapping is being done with the voter list of 2003, assembly and booths have also changed, hence the biggest problem in matching.

जिले की छह विधानसभा की मतदाता सूची का 2003 की सूची से मैपिंग की जा रही है। मैपिंग का 40 फीसदी काम पूरा हो गया है। बीएलओ समूह में बैठकर मतदाताओं का मिलान कर रहे हैं। बीएलओ की मैपिंग में जो स्थिति सामने आई है, उसमें 50 फीसदी मतदाताओं के नाम का मिलान नहीं हो रहा है। जिनका नाम नहीं मिल रहा है, उनके सामने क्रॉस व जिनका मिलान हो रहा है। उनके सामने राइट का निशान लगाया जा रहा है। मैपिंग के काम में एक हफ्ते का समय लग सकता है, क्योंकि फीडिंग की गति धीमी है। मैपिंग के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। पुनरीक्षण में कितने मतदाताओं को अपनी नागरिकता के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे। यदि बिहार जैसी स्थिति रही तो बड़ी संख्या में मतदाता बाहर हो सकते हैं।

दरअसल 22 साल बाद चुनाव आयोग मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण कर रहा है। इस गहन पुनरीक्षण में किसी गलत मतदाता का नाम तो नहीं जुड़ गया है और उसका वोट कई जगह तो नहीं है। इनकी पहचान की जाएगी। 2003 के बाद जितने भी मतदाता जुड़े हैं, उन्हें अपनी नागरिकता की जानकारी देनी होगी। यदि वह नहीं दे पाता है तो सूची से नाम हटा जाएगा। 2003 में जिले की छह विधानसभा में 10 लाख 27 हजार 255 मतदाता थे, लेकिन 2025 में मतदाताओं की संख्या 16 लाख 44 हजार 114 हो गई है। 6 लाख 16 हजार 859 नए मतदाता जुड़े हैं। पत्रिका ने बीएलओ से चर्चा की तो बताया कि एक बूथ के मतदाता 5 बूथ में बंट गए हैं। इस कारण मतदाता को पहचानने में दिक्कत आ रही है। नाम का मिलान नहीं हो रहा है। मैपिंग के लिए समय भी ज्यादा नहीं दिया है। एक महीने का काम तीन दिन में कराया जा रहा है। उप निर्वाचन अधिकारी भूमिजा सक्सेना कहना है कि ऑनलाइन फीडिंग का काम चल रहा है।

पुनरीक्षण ऑनलाइन होगा

- मैपिंग का कार्य पूरा होने के बाद पुनरीक्षण का कार्य शुरू होगा। बीएलओ घर-घर जाएंगे और मतदाता की पहचान कर जानकारी अपडेट करेंगे। यदि मौके पर नहीं मिले तो सूची से नाम भी कट सकता है।

- अक्टूबर में पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू होने की संभावना है।

2025 में मतदान केंद्र 1679

वर्ष मतदान केंद्र वोटर

2003 1044 1027255

2025 1679 1644114