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एकात्म मानववाद के विचारों को किया शासन में आत्मसात

भजनलाल शर्मा, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि समाज का उत्थान तभी संभव है जब सबसे गरीब, वंचित और जरूरतमंद को विकास का लाभ मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके ‘एकात्म मानववाद’ और ‘अंत्योदय’ के विचारों को अपने शासन और नीति निर्माण में आत्मसात कर यह सिद्ध कर दिया है कि विकास का असली अर्थ समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाना है। मोदीजी के 11 वर्षों के कार्यकाल में भारत का विकास केवल आँकड़ों की कहानी नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन में आए वास्तविक परिवर्तन का इतिहास है। उन्होंने इस सिद्धांत को अपनी सरकार की नीतियों का आधार बनाया और यह सुनिश्चित किया कि योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि हर गांव, हर घर और हर गरीब तक पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन का सजीव रूप है। वर्ष 2014 की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 2025 की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक की भारत की यात्रा इसी दर्शन की देन है। मोदी सरकार ने वित्तीय समावेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जनधन योजना प्रारंभ की। इस योजना के तहत अब तक 56 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। इनमें से अधिकांश गरीबों और ग्रामीणों के हैं। इनसे गत वित्तीय वर्ष में ही 6.9 लाख करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। डीबीटी के जरिए भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने का सार्थक प्रयास किया गया है। उज्ज्वला योजना ने महिलाओं की जिंदगी बदल दी। रसोई गैस कनेक्शन मिलने से देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को धुएं से मुक्त रसोई मिली है। सिलेंडर पर सब्सिडी को 300 रुपए तक बढ़ाकर गरीब परिवारों को राहत दी गई। यह केवल सुविधा ही नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान का भी संरक्षण है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में लगभग 3.8 करोड़ (94 लाख शहरी और 2 करोड़ 86 लाख ग्रामीण) परिवारों को पक्का घर उपलब्ध करवाने से गरीबों को सुरक्षा और आत्मसम्मान मिला। जल जीवन मिशन ने 15 करोड़ 70 लाख ग्रामीण परिवारों को नल से जल मिलने से महिलाओं और बच्चों की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव आया। स्वच्छ भारत मिशन आजादी के बाद का सबसे बड़ा जन आंदोलन सिद्ध हुआ। देश में 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनने से खुले में शौच की समस्या लगभग समाप्त हो गई और महिलाओं की गरिमा संरक्षित हुई।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। वन धन योजना और नगर वन योजना ने आदिवासी और शहरी समुदायों को नई ऊर्जा दी है। मुद्रा योजना से 35 करोड़ महिलाओं को ऋण मिला और उनकी आर्थिक भागीदारी 28% बढ़ी। कौशल भारत के तहत 6 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। आयुष्मान भारत योजना ने दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा का मॉडल प्रस्तुत किया है। इस योजना में 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लेकर उन्हें आर्थिक संकट से बचाया गया। वर्ष 2014 तक केवल 7 एम्स और 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 22 एम्स और 780 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत 79.75 करोड़ आभा आईडी और 65 करोड़ से अधिक ई-हेल्थ रिकॉर्ड जोड़े जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद और योग को वैश्विक मान्यता दिलवाई है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने आर्थिक आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक गर्व पर बल दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान से साकार किया। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया ने न केवल युवाओं को अवसर दिए, बल्कि भारत को वैश्विक तकनीकी शक्ति बनाया। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5जी बाजार है और 6जी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत में वर्ष 2014 में मोबाइल निर्माण की मात्र 2 यूनिट थी, जो अब बढ़कर 300 हो चुकी है।

मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत का बुनियादी ढांचा अभूतपूर्व स्तर पर विकसित हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग 91 हजार किमी से बढ़कर 1.46 लाख किमी से अधिक हो गया। वंदे भारत ट्रेन और अमृत स्टेशन योजना ने भारतीय रेलवे को नई पहचान दी। मेट्रो नेटवर्क से केवल 5 शहर जुड़े हुए थे, अब 21 शहर मेट्रो से जुड़ चुके हैं। हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 162 हो गई। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम परियोजनाओं ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र की ओर अग्रसर किया। ये गलियारे देश की औद्योगिक महत्वाकांक्षाओं में जान फूंक रहे हैं।