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आपकी बात: शहरों में बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए क्या उपाय किए जा सकते है?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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स्थाई कचरा पात्र की व्यवस्था हो
शहरों में बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जाता है गाडियां भी आती है किंतु जिन घरों में किसी कारण से कचरा रह जाता है, वे लोग कचरे को कहीं पर भी फेंक देते हैं। इसलिए हर चौराहे पर स्थाई कचरा पात्र रखा जाना चाहिए। ताकि लोग घर से कचरा न ले जाने पर उस पात्र में डाल दे, जिससे चौराहा या खुला प्लॉट गंदा होने से बचेगा। फिर शहरी निकायों की गाड़ी या कार्मिक उन पात्रों से कचरा एकत्र कर सकते है। - दिनेश मेघवाल, उदयपुर

सड़को पर कचरा पात्र हो
शहरों में बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए डोर टू डोर कचरा उठाने की हूपर व्यवस्था सुनिश्चित होनी चहिए। घरों से कचरा उठाना ही पर्याप्त नहीं है उसका निस्तारण भी सुनिश्चित होना चाहिए। सड़कों पर, गलियों में अन्य खुले स्थानों से सफाई कर्मियों कचरा उठाना सुनिश्चित करें। शहरों में सबसे बड़ी समस्या खुले में कचरा पड़ा हुआ होना है जिसकी कोई सुध नहीं लेता है। सड़कों पर यथास्थान कचरा पात्र रखे जाने चाहिए जिन्हें समय से खाली किया जाए। सरकार और समाज की सजगता से ही शहर का बेहतर कचरा प्रबंधन संभव है। - आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर

हर गली में कचरे वाली गाड़ी जाएं
शहरों में बेहतर कचरा प्रबंधन तभी होगा जब हर गली में कचरा उठाने वाली गाड़ी जाएं। शहर के कुछ इलाके ऐसे भी है जहां ये गाड़ियां जाती ही नहीं जिसकी वजह से वहां के निवासियों को कचरा जलाना पड़ता हैं या जमीन में गाड़ना पड़ता हैं। इसेक साथ ही हर कॉलोनी में अगर एक निश्चित स्थान तय किया जाएं कि सभी उस जगह कचरा डालेंगे फिर बाद में उठवा देंगे तो कोई समस्या ही नहीं होगी। राह चलते इंसान कचरा फेंक देते हैं इन पर जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए। - प्रियव्रत चारण, जोधपुर

रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दिया जाए
घर घर जाकर कचरा संग्रहण व्यवस्था की अनियमितता को समाप्त किया जाए। कचरा डालने और उनके निस्तारण के लिए योजनाएं लागू करनी चाहिए। व्यापक जागरूकता अभियान चलाएं। स्मार्ट प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देने, कम्पोस्टिंग को प्रोत्साहित करने तथा एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने से शहरों में बेहतर कचरा प्रबंधन हो सकता है। - शिवजी लाल मीना, जयपुर

कचरे की छंटनी की जाए
शहरों में कचरा प्रबंधन के लिए सबसे पहले कचरा संग्रहण स्थल पर ही कचरे की अलग-अलग छटनी करनी होगी जैसे सूखा, गीला और खतरनाक। उसके बाद कचरे को सही जगह पर डालने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। कचरे से फैलने वाले खतरनाक रोगों की भी जानकारी नुक्कड़ नाटकों और सेमिनारों के माध्यम से दी जानी चाहिए। रिसाइकिलिंग पर भी जोर देना चाहिए, जिससे कचरे का पुनः उपयोग हो सके। - निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़

प्लास्टिक बैग का उपयोग बंद हो
कचरा प्रबंधन के लिए जागरूकता और रिसाइक्लिंग की जानकारी जरूरी है। सामान खरीदते समय कम पैकेजिंग वाले उत्पाद चुनें और किराने या सब्जी खरीदते समय प्लास्टिक की बजाय कपड़े या पुन: प्रयोग होने वाले बैग का इस्तेमाल करें। ऑनलाइन बिलिंग और ई-स्टेटमेंट अपनाएं। कचरे को अलग-अलग डिब्बों में रखें जैविक कचरे के लिए हरा और अन्य कचरे के लिए अलग। जैविक कचरा खाद में बदला जा सकता है। टूटी चीजों और प्लास्टिक को रचनात्मक रूप से दुबारा इस्तेमाल करें। इससे स्वच्छ, सुरक्षित और सुंदर पर्यावरण बनता है। - सियाराम मीना, बूंदी

जन सहभागिता को बढ़ाया जाए
शहरी कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए नगर निकाय में एक कचरा प्रबंधन विभाग का गठन किया जाना चाहिए। यह विभाग स्मार्ट डस्टबिन, GPS आधारित कचरा-वाहन ट्रैकिंग, रीसाइक्लिंग तकनीकों और कम्पोस्टिंग यूनिट जैसे आधुनिक उपाय लागू कर सके। इसके साथ ही नागरिकों में भी स्वच्छता के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी विकसित होनी चाहिए। प्रशासनिक दक्षता और जन-सहभागिता मिलकर शहर को स्वच्छ, स्वस्थ और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जा सकता। - कैलाश कुमार,फलोदी

कचरा पृथक्करण अनिवार्य हो
शहरों में बढ़ते कचरे की समस्या केवल सफाई का मुद्दा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी गंभीर चिंता है। बेहतर कचरा प्रबंधन की शुरुआत घरों से होती है, इसलिए गीले और सूखे कचरे का पृथक्करण अनिवार्य है। स्थानीय स्तर पर कम्पोस्टिंग को बढ़ावा देकर जैविक कचरे को खाद में बदला जा सकता है। नगरपालिकाओं को जीपीएस-आधारित डोर-टू-डोर कलेक्शन, नियमित सफाई रूट और स्मार्ट डस्टबिन जैसी आधुनिक सुविधाएं अपनानी चाहिए। प्लास्टिक और सूखे कचरे के लिए रीसाइक्लिंग इकाइयां सशक्त हों, और नागरिकों की जागरूकता सुनिश्चित हो। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर

लैंडफिल प्रबंधन को बढ़ावा मिले
शहरों में बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए स्रोत-स्तर पर गीले और सूखे कचरे का पृथक्करण सबसे महत्वपूर्ण है। डोर-टू-डोर कलेक्शन को नियमित और सुव्यवस्थित किया जाए तथा कम्पोस्टिंग और रीसाइक्लिंग की व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए। सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर नियंत्रण, सार्वजनिक स्थानों पर पर्याप्त डस्टबिन, स्मार्ट ट्रैकिंग सिस्टम और वैज्ञानिक लैंडफिल प्रबंधन आवश्यक हैं। नागरिकों में जागरूकता अभियान के साथ जुर्माना और प्रोत्साहन दोनों का उपयोग प्रभावी होता है। नगर निकायों, निजी संस्थानों और समुदाय की संयुक्त भागीदारी से शहर स्वच्छ और टिकाऊ बन सकते हैं। - सत्तार खान कायमखानी, मेड़ता सिटी

उन्नत तकनीक का उपयोग हो
सबसे पहले आमजन को जागरूक किया जाए ताकि वे गीला व ठोस कचरे को अलग अलग डस्टबिन में स्टोर करे। संग्रहण वाहनों में भी अलग अलग संग्रहण की व्यवस्था हो। प्रशासन स्तर पर गीले कचरे का उपयोग, ऊर्जा निर्माण व कंपोस्ट खाद के निर्माण में किया जाए। और ठोस कचरे को नियमानुसार, रीयूज, री मैन्युफैक्चर एवं रीसाइकल किया जाना चाहिए। इसके लिए प्रशासन को पर्याप्त क्षमता के प्लांट स्थापित किए जाने चाहिए । अपशिष्ट संग्रहण में उन्नत तकनीक का उपयोग करके उसे सुलभ व कुशल बनाना चाहिए। इसके लिए विदेशों प्रचलित तकनीक व तरीकों को अपनाना चाहिए। इसमें प्रशासन के साथ आमजन का सहयोग नितांत आवश्यक है। - विजय कुमार वर्मा, सीकर

रीसाइक्लिंग नेटवर्क मजबूत हो
शहरों में उत्कृष्ट कचरा प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि कचरे का पृथक्करण हर घर में आदत बने, नगर निकाय स्मार्ट कलेक्शन और वैज्ञानिक प्रोसेसिंग अपनाए, गीले कचरे को स्थानीय स्तर पर कम्पोस्ट व ऊर्जा में बदलने की व्यवस्था हो, प्लास्टिक व अन्य सूखे कचरे को प्रभावी रीसाइक्लिंग नेटवर्क से जोड़ा जाए, जाए, रीसाइक्लिंग नेटवर्क को मजबूत किया जाए और नागरिकों में स्वच्छता को लेकर अनुशासन, जागरूकता व सहभागिता बढ़ाई जाए, ताकि शहर न केवल स्वच्छ दिखें बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ और पर्यावरण-सुरक्षित बने रहें। - हंसराज वर्मा, बिलोचिया