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Rajasthan: रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का ऐलान, देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर पाली के कुल्हड़ में मिलेगी चाय

राजस्थान के पाली जिले के माटी की महक देश हर कोने में सुगंध बिखेरेगी। यहां के बने सिकोरो (कुल्हड़) में देश के हर रेलवे स्टेशन पर देशवासी चाय की चुस्कियां लेंगे।

पाली

Anil Prajapat

Sep 26, 2025

Railway-Minister-Ashwini-Vaishnav
कारखाने में सकोरे बनाने की मशीन को देखते रेलमंत्री। फोटो: पत्रिका

पाली। राजस्थान के पाली जिले के माटी की महक देश हर कोने में सुगंध बिखेरेगी। यहां के बने सिकोरो (कुल्हड़) में देश के हर रेलवे स्टेशन पर देशवासी चाय की चुस्कियां लेंगे। ये सिकोरे पर्यावरण की रक्षा करने के साथ मारवाड़ की माटी व संस्कृति से हर देशवासियों को जोड़ेगे।

रेल मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव ने गुरुवार को पाली के खेतावास औद्योगिक क्षेत्र में बनाए जा रहे माटी के सिकोरों को देखा और इनकी डिजाइन व बनाने की प्रक्रिया पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि यहां बनाए जा रहे सिकोरे देश भर में मारवाड़ व पाली की पहचान बनेंगे। अब रेलवे स्टेशनों पर चाय आदि के लिए इन सिकोरों का उपयोग होगा।

तालाब व नाडी की मिट्टी से बना रहे सिकोरे

लघु उद्योग भारती की ओर से पाली में माटी के सिकोरे व बर्तन बनाने के लिए मशीनें तैयार करवाई है। ऐसी 23 मशीनों से पाली के कुम्हार अब सिकोरे बना रहे है। सिकोरे व बर्तन तालाब या नाडी की मिट्टी से बनाए जा रहे है। ये सिकोरे बनाने की मशीन के साथ मिट्टी पिसाई व मिक्स करने की मशीन भी है। जिससे कारीगर को यह कार्य भी हाथ से नहीं करना पड़ता है।

8 घंटे में बनते करीब 6 हजार

मशीन से एक मिनट में करीब 13-15 सिकोरे वगिलास आदि तैयार किए जा रहे हैं। वहीं भगोना, हांडी आदि बड़े बर्तन भी बनाए जा रहे है, लेकिन उनकी मात्रा कम है। मशीन से 50 मिली से 250 मिली लीटर के सिकोरे के गिलास के अलावा मिठाई रखने की कटोरियां, दही जमाने के बर्तन भी बनाए जा सकते है।

लागत करीब 50 पैसे

मशीन से एक मिट्टी का गिलास या सिकोरा बनाने में करीब 50 पैसे का खर्च आ रहा है। जो बाजार में 1 से 1.25 रुपए तक में बिक रहे हैं। बड़े बर्तनों का दाम 20 से लेकर 50 रुपए तक है। कई बर्तन 100-150 रुपए व उससे भी अधिक में बिक रहे हैं।