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Bihar Chunav 2025 Phase 1 Voting: पहले चरण में टूटा 75 साल का रिकॉर्ड, 65% मतदान, जानिए 121 सीटों पर 2020 में किसे मिले थे कितने वोट

Bihar Chunav 2025 Phase 1 Voting: बिहार विधानसभा की 121 सीटों के लिए 6 नवंबर को ऐतिहासिक मतदान हुआ। 1951 के बाद कभी इतनी बड़ी संख्या में लोग वोट डालने नहीं निकले थे।

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पटना

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Anand Shekhar

Oct 07, 2025

Bihar Election 2025

बिहार विधानसभा चुनाव (Photo-Patrika)

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 6 नवम्बर को करीब 65 फीसदी मतदान हुआ। यह 1951 के बाद सबसे ज्यादा है। कुल 3.75 करोड़ में से 64.66 मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।

जिन 121 सीटों पर 6 नवम्बर को वोटिंग हुई, वहां 2020 में नतीजे कुछ इस तरह रहे थे:
बीजेपी: 32 सीटें (17.24 फीसदी वोट)
जेडीयू: 23 सीटें (17.15 फीसदी वोट)
एलजेपी (आरवी): 01 सीट (6.67 फीसदी वोट)
आरजेडी: 42 सीटें (23.81 फीसदी वोट)
वाम दल: 11 सीटें (6.57 फीसदी वोट)
कांग्रेस: 8 सीटें (7.69 फीसदी वोट)
वीआईपी: 4 सीटें (2.04 फीसदी वोट)

इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि 40 साल में पहली बार राज्य में केवल दो चरणों में मतदान होगा। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। दूसरे चरण में 122 सीटों पर डाले जाएंगे।

मतदान से जुड़े बड़े अपडेट्स यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

बड़ा सवाल है कि पहले चरण की इन 121 सीटों पर किसका पलड़ा भारी है?

NDA के गढ़ में पहली परीक्षा

पहले चरण में वोटिंग वाली सीटों में से अधिकतर उत्तर बिहार की हैं। जैसे तिरहुत, मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र, जो लंबे समय से NDA (भाजपा-जदयू गठबंधन) के मजबूत गढ़ माने जाते हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि इन इलाकों की लगभग 70 सीटें NDA के प्रभाव क्षेत्र में आती हैं। बीजेपी और जेडीयू का संगठनात्मक नेटवर्क यहां बेहद मजबूत है।

दरभंगा की 10 में से 9 सीटें फिलहाल NDA के पास हैं। मिथिलांचल की 46 सीटों में से 30 सीटें NDA ने पिछली बार जीती थीं। नालंदा की 7 में से 6 सीटें NDA के कब्जे में हैं। वहीं पटना जिले कि 13 सीटों की बात करें तो 5 एनडीए और 9 महागठबंधन के खाते में आई थी। इस लिहाज से पहले चरण की जंग NDA के लिए “मिशन डिफेंड” है। यानि अपने पुराने गढ़ को संभालना और महागठबंधन की सेंधमारी को रोकना।

पहले चरण में कहां-कहां वोटिंग

पहले चरण में जिन जिलों में वोटिंग हुई, वे हैं पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, सिवान, गोपालगंज, सारण, वैशाली, समस्तीपुर। इन जिलों में कई सीटें ऐसी हैं जो पिछली बार बहुत कम अंतर से जीती या हारी गई थीं, यानी मुकाबला इस बार और भी दिलचस्प होगा।

  • पटना की 14 सीटें - मसौढ़ी, पालीगंज, बिक्रम, मनेर, फुलवारीशरीफ, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, बाढ़, मोकामा, दानापुर, बख्तियारपुर।
  • दरभंगा की 9 सीटें - बेनीपुर, हायाघाट, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा शहरी, जाले, कियोटी, बहादुरपुर, गौरा बौराम, अलिनगर।
  • मुजफ्फरपुर की 11 सीटें - गायघाट, औराई, मीनापुर, बोचहां, सकरा, कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, कांटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज।
  • भोजपुर की 7 सीटें - आरा, अगिआंव, शाहपुर, बड़हरा, जगदीशपुर, तरारी, संदेश।
  • गोपालगंज की 6 सीटें - बैकुंठपुर, बरौली, भोरे, हथुआ, गोपालगंज, कुचायकोट।
  • सारण की 10 सीटें - तरैया, परसा, सोनपुर, छपरा, गरखा, अमनौर, मरहौरा, एकमा, मांझी, बनियापुर।
  • वैशाली की 8 सीटें - महुआ, लालगंज, वैशाली, पातेपुर, हाजीपुर, राघोपुर, राजापाकड़, महनार।
  • नालंदा की 7 सीटें - हरनौत, अस्थावां, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, राजगीर, बिहारशरीफ।
  • बेगूसराय की 8 सीटें - चेरिया बरियारपुर, बखरी, तेघरा, मटिहानी, बेगूसराय, बछवाड़ा, साहबपुर कमल, मंझौल।
  • खगड़िया की 4 सीटें - परबत्ता, बेलदौर, अलौली, खगड़िया।
  • मुंगेर की 4 सीटें - जमालपुर, मुंगेर, तारापुर, लखनौर।
  • सिवान की 8 सीटें - सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंधा, बड़हरिया, गोरियाकोठी, महाराजगंज।
  • सहरसा की 4 सीटें - सिमरी बख्तियारपुर, सोनबरसा, महिषी, सहरसा।
  • मधेपुरा की 4 सीटें - आलमनगर (SC), बिहारीगंज, मधेपुरा, सिंहेश्वर (SC)।
  • लखीसराय की 2 सीटें - लखीसराय, सूर्यगढ़ा।
  • शेखपुरा की 2 सीटें - बरबीघा, शेखपुरा।
  • बक्सर की 4 सीटें - बक्सर, डुमरांव, राजपुर, ब्रह्मपुर।

NDA बनाम महागठबंधन , किसकी स्थिति मजबूत?

पहले चरण की 121 सीटों में NDA को जहां परंपरागत बढ़त है, वहीं महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल) इस बार अपने गठबंधन के नए तालमेल के दम पर इन इलाकों में चुनौती पेश करना चाहता है। RJD की रणनीति साफ है कि वह उत्तर बिहार के मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक के साथ पिछड़ी जातियों को एकजुट करने की कोशिश में है, जबकि NDA का फोकस महादलित, अति पिछड़ा और महिला वोटरों पर रहेगा।

पहले चरण में पौने चार करोड़ मतदाता

पहले चरण की कुल 121 सीटों पर करीब 3.75 करोड़ मतदाताओं को अपने प्रतिनिधियों का चयन करना था। इनमें महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 48% है, जो हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। इस बार भी महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया है। कुल 1314 उम्मीदवारों में कई बाहुबली हैं और अनेक दागी नेता भी मैदान में हैं।

छोटे दलों के लिए कठिन परीक्षा

चुनाव आयोग के इस बार दो चरणों में मतदान कराने के फैसले से छोटे दलों को बड़ा झटका लग सकता है। जानकारों का मानना है कि दो चरणों में चुनाव होने से संगठन और संसाधन वाले बड़े दलों को फायदा मिलेगा, जबकि छोटे क्षेत्रीय दलों के लिए प्रचार और संसाधन प्रबंधन मुश्किल होगा।


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