
बिहार विधानसभा चुनाव (Photo-Patrika)
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 6 नवम्बर को करीब 65 फीसदी मतदान हुआ। यह 1951 के बाद सबसे ज्यादा है। कुल 3.75 करोड़ में से 64.66 मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
जिन 121 सीटों पर 6 नवम्बर को वोटिंग हुई, वहां 2020 में नतीजे कुछ इस तरह रहे थे:
बीजेपी: 32 सीटें (17.24 फीसदी वोट)
जेडीयू: 23 सीटें (17.15 फीसदी वोट)
एलजेपी (आरवी): 01 सीट (6.67 फीसदी वोट)
आरजेडी: 42 सीटें (23.81 फीसदी वोट)
वाम दल: 11 सीटें (6.57 फीसदी वोट)
कांग्रेस: 8 सीटें (7.69 फीसदी वोट)
वीआईपी: 4 सीटें (2.04 फीसदी वोट)
इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि 40 साल में पहली बार राज्य में केवल दो चरणों में मतदान होगा। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। दूसरे चरण में 122 सीटों पर डाले जाएंगे।
मतदान से जुड़े बड़े अपडेट्स यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
बड़ा सवाल है कि पहले चरण की इन 121 सीटों पर किसका पलड़ा भारी है?
पहले चरण में वोटिंग वाली सीटों में से अधिकतर उत्तर बिहार की हैं। जैसे तिरहुत, मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र, जो लंबे समय से NDA (भाजपा-जदयू गठबंधन) के मजबूत गढ़ माने जाते हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि इन इलाकों की लगभग 70 सीटें NDA के प्रभाव क्षेत्र में आती हैं। बीजेपी और जेडीयू का संगठनात्मक नेटवर्क यहां बेहद मजबूत है।
दरभंगा की 10 में से 9 सीटें फिलहाल NDA के पास हैं। मिथिलांचल की 46 सीटों में से 30 सीटें NDA ने पिछली बार जीती थीं। नालंदा की 7 में से 6 सीटें NDA के कब्जे में हैं। वहीं पटना जिले कि 13 सीटों की बात करें तो 5 एनडीए और 9 महागठबंधन के खाते में आई थी। इस लिहाज से पहले चरण की जंग NDA के लिए “मिशन डिफेंड” है। यानि अपने पुराने गढ़ को संभालना और महागठबंधन की सेंधमारी को रोकना।
पहले चरण में जिन जिलों में वोटिंग हुई, वे हैं पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, सिवान, गोपालगंज, सारण, वैशाली, समस्तीपुर। इन जिलों में कई सीटें ऐसी हैं जो पिछली बार बहुत कम अंतर से जीती या हारी गई थीं, यानी मुकाबला इस बार और भी दिलचस्प होगा।
पहले चरण की 121 सीटों में NDA को जहां परंपरागत बढ़त है, वहीं महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल) इस बार अपने गठबंधन के नए तालमेल के दम पर इन इलाकों में चुनौती पेश करना चाहता है। RJD की रणनीति साफ है कि वह उत्तर बिहार के मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक के साथ पिछड़ी जातियों को एकजुट करने की कोशिश में है, जबकि NDA का फोकस महादलित, अति पिछड़ा और महिला वोटरों पर रहेगा।
पहले चरण की कुल 121 सीटों पर करीब 3.75 करोड़ मतदाताओं को अपने प्रतिनिधियों का चयन करना था। इनमें महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 48% है, जो हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। इस बार भी महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया है। कुल 1314 उम्मीदवारों में कई बाहुबली हैं और अनेक दागी नेता भी मैदान में हैं।
चुनाव आयोग के इस बार दो चरणों में मतदान कराने के फैसले से छोटे दलों को बड़ा झटका लग सकता है। जानकारों का मानना है कि दो चरणों में चुनाव होने से संगठन और संसाधन वाले बड़े दलों को फायदा मिलेगा, जबकि छोटे क्षेत्रीय दलों के लिए प्रचार और संसाधन प्रबंधन मुश्किल होगा।
Updated on:
07 Nov 2025 10:26 am
Published on:
07 Oct 2025 01:53 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
पटना
बिहार न्यूज़
ट्रेंडिंग
