
पीएम मोदी (photo-X)
बिहार में चुनाव प्रचार के बीच गुरूवार को 21 साल के बाद गोलू की एंट्री हुई है। पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में गोलू की चर्चा कर लालू प्रसाद पर तंज कसा और मंच से ही गोलू हत्याकांड से जुड़ी पूरी कहानी भी शेयर किया। उन्होंने इससे पहले बिहार के विकास की चर्चा कर उद्योग की बात कही। उद्योग के लिए जरुरी संसाधनों पर चर्चा करते हुए लालू प्रसाद और उनकी आरजेडी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में जनसभा में आए लोगों से 2005 से पहले के बिहार में होने वाले अपहरण, लूट और हत्या की भी चर्चा की।
पीएम मोदी गोलू की चर्चा करते हुए 2005 से पहले के बिहार का चित्र प्रस्तुत किया। मुजफ्फरपुर में उन्होंने मंच से ही बैंककर्मी के 05 वर्षीय बेटा गोलू की कहानी शेयर किया। अपहरण के बाद उसकी रिहाई के लिए मांगी गई रकम और पैसा नहीं देने पर उसकी निर्मम हत्या की पूरी कहानी भी जनसभा आए लोगों के साथ शेयर किया।
यह घटना 20 सितंबर 2001 की है। प्रदेश में राबड़ी देवी की सरकार थी। मुजफ्फरपुर के जेल रोड में अपनी दो बड़ी बहनों के साथ गोलू स्कूल जा रहा था। हथियारबंद अपराधियों ने दिनदहाड़े उसको रिक्शा से जबरन उतारकर अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद अपराधियों के द्वारा गोलू की रिहाई के लिए एक बड़ी राशि की मांग की गई थी। पैसा नहीं देने पर चार दिनों के बाद 25 सितंबर 2001 उसका शव पुलिस को मिला था। पीएम मोदी ने इस जघन्य हत्याकांड की चर्चा कर मुजफ्फरपुर के लोगों को उनके आक्रोश से जोड़ा और बताया कि लालू राज में क्या सब हुआ करता था।
गोलू का शव बरामद होने के बाद मुजफ्फरपुर शहर की हालात की भी उन्होंने चर्चा की। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि कैसे इस घटना के बाद पूरे शहर में पुलिस और पब्लिक के बीच हिंसक झड़पें हुईं थी। कई गाड़ियों को फूंक दी गई थी। पुलिस को आक्रोशित भीड़ को शांत करने के लिए लाठी चार्ज भी करनी पड़ी थी। कई जगहों पर गोलियां चली थी जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, पीएम मोदी ने इस घटना का ज़िक्र कर बिहारवासियों को लालू राज में होने वाले अपराध की घटनाओं से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया। उनको याद दिलाने की कोशिश किया कि 2005 से पहले का बिहार कैसा था? बिहार में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति थी।
पीएम मोदी ने इसके साथ ही बिहार के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग चाहिए, जिसके लिए जमीन, बिजली, कनेक्टिविटी और कानून का राज होना जरूरी है। लेकिन, “जिनका इतिहास जमीन कब्जा करने का रहा हो वे क्या किसी उद्योग को जमीन देंगे? बिहार को जो लोग लालटेन युग में रखा, क्या वे बिजली देंगे? जिन्होंने रेल को लूटा, वे कनेक्टिविटी देंगे?” तो फिर आप तय करें कि आपको कैसा बिहार चाहिए? आतंक का या विकसित बिहार। मतदान से पहले इसपर मंथन करने के बाद ही अपना वोटिंग करने जायेंगे।
Updated on:
30 Oct 2025 10:53 pm
Published on:
30 Oct 2025 10:21 pm
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