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Bihar Assembly Session: बिहार में अगले 5 साल में मिलेंगी 1 करोड़ नई नौकरियां, राज्यपाल ने बताया सरकार का ‘मास्टर प्लान’

Bihar Assembly Session बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन, राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने संयुक्त सदन को संबोधित किया।

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बिहार विधानसभा

बिहार विधानसभा

Bihar Assembly Session: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन, राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षकों की संख्या अब 5.2 लाख हो गई है। साथ ही, सरकार सभी 27 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने जा रही है। मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए IGIMS को तीन हज़ार बेड का अस्पताल बनाया जाएगा।

पढ़ाई के लिए छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा

इसके अतिरिक्त, सरकार यह व्यवस्था कर रही है कि बिहार के छात्रों को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़े और बाहर से छात्र यहाँ पढ़ने के लिए आएं। दोनों सदनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक समाज के लोगों के लिए भी कई काम कर रही है। तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है। सरकार सहायता राशि को बढ़ाकर अब 25 हजार रुपए कर दी है।

5 सालों में 1 करोड़ रोजगार देगी सरकार

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि बिहार सरकार की पहली प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार सृजन करना है। इस दिशा में सरकार ने अब तक लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 40 लाख से अधिक को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किया है। आने वाले पाँच वर्षों में सरकार एक करोड़ नई नौकरियां देने का लक्ष्य रख रही है और इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है, जिससे उसके रोजगार एजेंडे को मजबूती मिलती है।

125 यूनिट मुफ्त बिजली मुफ्त

राज्यपाल ने सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कहते हुए कहा कि इससे लाखों घरों को राहत मिली है। सरकार अब ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का अभियान शुरू करेगी।

महिला सशक्तिकरण

राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं को 50 % आरक्षण तथा सरकारी नौकरियों और पुलिस में 35 % आरक्षण से बिहार की महिलाओं के लिए नए द्वार खुले हैं। इसके साथ ही, जीविका परियोजना के तहत सरकार के प्रयास से 11 लाख स्वयं‑सहायता समूह और 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियाँ आज आर्थिक स्वावलंबन का प्रतीक बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में अब तक 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है।