
खेसारी लाल यादव (फोटो- Instagram @khesari_yadav)
बिहार विधानसभा चुनाव में छपरा विधानसभा सीट से आरजेडी उम्मीदवार रहे भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। चुनाव हार चुके खेसारी लाल यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में उन्होंने बिना किसी का नाम लिए करारा वार किया है। जिसके बाद यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है।
खेसारी ने अपनी पोस्ट की शुरुआत एक मशहूर शायरी से की। उन्होंने लिखा, “हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता…”। इसके बाद उन्होंने नेताओं पर सीधा तंज कसते हुए लिखा, "अरे भाई पार्टी में पद के लिए इतना बेचैनी नईखे ठीक हो। कचरा इतना नहीं करो की वापिस में साफ़ करने में घिन बरे। ठीक हैं…"
खेसारी का यह पोस्ट ऐसे समय में आया है जब बिहार में नई सरकार का गठन हो चुका है और आरजेडी गहरे संकट से गुजर रही है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है और हार के बाद पार्टी के भीतर खुला संघर्ष सामने आ चुका है। पार्टी के कई नेताओं पर आरोप लग रहे हैं कि कई लोग चुनावी हार की जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं और इसके बजाय संगठन के भीतर अपनी कुर्सी और प्रभाव बचाने में लगे हुए हैं। पार्टी की नियुक्तियों में योग्यता की जगह लॉबिंग और करीबी रिश्तों की भूमिका बढ़ने का आरोप भी लंबे समय से चल रहा है।
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी परिवार और पार्टी से नाता तोड़ दिया है और तेजस्वी यादव व उनके सलाहकारों पर गंभीर आरोप लगाए। रोहिणी ने कहा कि उन्हें अपमानित किया गया, गालियां दी गईं और उनकी दान की गई किडनी को लेकर भी शर्मनाक टिप्पणी की गई। ऐसे माहौल में खेसारी का बयान इस संकट से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि खेसारी ने अपने पोस्ट सीधे किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया। लेकिन पूरी चर्चा इसी पर केंद्रित है कि उनका हमला आरजेडी के किस वर्ग पर है।
खेसारी लाल यादव का खुद का भी इस राजनीतिक अराजकता से व्यक्तिगत संबंध है। छपरा सीट से चुनाव लड़ते हुए उन्हें भाजपा की छोटी कुमारी से लगभग आठ हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान उनके भोजपुरी करियर को लेकर विवाद खड़ा किया गया, उनके राम मंदिर वाले बयान पर काफी विवाद हुआ और उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ भी इस पोस्ट को और चर्चा में ला रही हैं। कई लोग इसे आरजेडी में व्याप्त गुटबाजी पर खुलकर की गई आलोचना बता रहे हैं, तो कई इसे खेसारी की मन की भड़ास मान रहे हैं। कुछ समर्थकों ने पूछा कि क्या यह हमला उन नेताओं पर है जो उन्हें लगातार नीचा दिखाने की कोशिश करते रहे, जबकि अन्य ने कहा कि आजकल नेताओं की कोई विचारधारा नहीं बची बस पद और कुर्सी चाहिए।
Published on:
24 Nov 2025 11:45 am
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