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बिहार चुनाव 2025: मोकामा में जबरदस्त वोटिंग,’छोटे सरकार’ बचा पाएंगे अपनी सरकार? या बदलेगा निजाम

बिहार चुनाव 2025 मोकामा विधानसभा सीट पर 06 नवंबर को वोटिंग के बाद इसकी चर्चा तेज हो गई है कि मोकामा में किसकी बनेगी सरकार? छोटे सरकार अपनी सरकार बचा पाते हैं या फिर यहां का निजाम बदलेगा।

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बिहार चुनाव 2025: बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा विधानसभा सीट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप जेडीयू के बाहुबली प्रत्याशी अनंत सिंह पर लगने के बाद उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। 2025 के चुनाव में अनंत सिंह के सामने अपनी जीत के सिलसिले को जारी रखने की चुनौती थी, तो वहीं सूरजभान सिंह के सामने इतिहास दोहराने का मौका। मोकामा विधानसभा सीट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी चुनाव लड़ रही है। जन सुराज के टिकट पर पीयूष प्रियदर्शी ने दोनों को मात देने की पूरी कोशिश की। इनके प्रयास पर मोकामा की जनता ने 06 नवंबर को अपना फैसला मतदान कर के दे दिया है। 14 नवंबर को रिजल्ट में पता चलेगा कौन जीता और कौन हारा।

दुलारचंद यादव की हत्या ने बदला खेल

मोकामा में चुनाव से ठीक पहले 30 अक्टूबर को टाल के क्षेत्र में दुलारचंद यादव की हत्या से पहले मोकामा सीट पर कांटे की टक्कर थी। जदयू के बाहुबली के खिलाफ आरजेडी ने भी भूमिहार बाहुबली को चुनावी मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया था। लेकिन, दुलारचंद यादव की हत्या के बाद चुनावी समीकरण बड़ी तेजी से बदला। भूमिहार वोट गोलबंद होते दिखे।

आरजेडी का परंपरागत वोट किसके साथ

जबकि दूसरी ओर दुलारचंद यादव की हत्या के बाद आरजेडी के परंपरागत वोट में भी दरार दिखा। इसकी बानगी दुलारचंद की शव यात्रा में वीणा देवी की एंट्री के बाद दिखा था। राजनीतिक पंडित दुलारचंद यादव की शव यात्रा में वीणा देवी के शामिल होने के फैसले को गलत बताया। उनका कहना था कि इससे वीणा देवी को दोहरा नुकसान हुआ। एक तो उनके इस फैसले से मोकामा के भूमिहार उनसे नाराज हो गए और दूसरा दुलारचंद यादव की हत्या में अनंत सिंह का नाम आने पर आरजेडी के कोर वोटर यादव ने भी उनका साथ छोड़ दिया।

मोकामा में कुशवाहा किसके साथ

जदयू का परंपरागत वोटर भी इस दफा जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के साथ नहीं दिखे। मोकामा में भूमिहार के साथ साथ धानुक वोटर भी जीत हार का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे हैं। लेकिन, इस दफा पीयूष प्रियदर्शी पर हमला के बाद नीतीश कुमार का कोर वोटर धानुक समुदाय ने भी जदयू को साथ छोड़ दिया। इससे साफ है कि मोकामा का फैसला इस बार काफी चौकाने वाला होगा। मतदाता ने तो मतदान कर अपना फैसला दे दिया है। अब 14 नवंबर को पता चलेगा मोकामा में किसकी बनेगी सरकार? छोटे सरकार अपनी सरकार बचा पाते हैं या फिर यहां बदलेगा निजाम।