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क्या है 27 साल पुराना बृज बिहारी हत्याकांड? जिसमें बाहुबली मुन्ना शुक्ला की होगी पेशी

बाबहुबली मुन्ना शुक्ला की आज हाजीपुर कोर्ट में पेशी होनी है। लंबित केसों में उपस्थिति के लिए जेल प्रशासन को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट भेजा गया था। जिसके बाद भागलपुर जेल से कड़ी सुरक्षा में मुन्ना शुक्ला को हाजीपुर लाया जा रहा है।

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 26, 2025

मुन्ना शुक्ला- फोटो सोशल साइट फेसबुक

भागलपुर जेल में बंद लालगंज के पूर्व विधायक और बिहार की अपराध-सियासत का चर्चित नाम विजय कुमार शुक्ला उर्फ बाहुबली मुन्ना शुक्ला को बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हाजीपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा। जेल प्रशासन को अदालत से प्रोडक्शन वारंट मिलने के बाद पेशी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पुलिस और जेल विभाग हाई-अलर्ट मोड में है और सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। यह पेशी 27 साल पुराने हाई-प्रोफाइल बृज बिहारी हत्याकांड मामले से संबंधित सुनवाई में हो रही है। फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से उम्रकैद की सजा बरकरार रखे जाने के बाद से मुन्ना शुक्ला जेल में हैं।

क्या है बृज बिहारी हत्याकांड?

90 के दशक में बाहुबली छोटन शुक्ला और बृज बिहारी प्रसाद के समर्थकों के बीच आपसी रंजिश चल रही थी। इस दौरान 13 जून 1998 को पटना के IGIMS अस्पताल में RJD नेता और उस समय के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जहां उन्हें पुलिस सुरक्षा में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। यहां बृज बिहारी अस्पताल परिसर में टहल रहे थे, तभी एंबेसडर और सूमो में सवार हथियारबंद अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में बृज बिहारी प्रसाद और उनके सिक्योरिटी गार्ड लक्ष्मेश्वर साहू की मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान 50 से ज़्यादा राउंड गोलियां चलीं। इस हत्या से पूरे बिहार में दहशत फैल गई और उस समय की सरकार के कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।

कौन-कौन थे आरोपी?

इस हत्याकांड के पीछे छोटन शुक्ला गैंग और राजनैतिक दुश्मनी को मुख्य वजह माना गया। पटना के शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी, सूरजभान सिंह, राजन तिवारी, श्री प्रकाश शुक्ला, सतीश पांडे, कैप्टन सुनील, सुनील कुमार राय और भूपेंद्र नाथ दुबे का नाम था। शुरू में यह केस बिहार पुलिस ने हैंडल किया, लेकिन जब विवाद और दबाव बढ़ा तो जांच CBI को सौंप दी गई। लंबे ट्रायल के बाद, कोर्ट ने 2009 में कुछ आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई, जबकि कुछ को बाद में राहत दे दी गई। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी और उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया, जिसके बाद मुन्ना शुक्ला ने सरेंडर कर दिया।

बेऊर से भागलपुर जेल क्यों शिफ्ट किए गए मुन्ना शुक्ला?

विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान प्रशासन ने आशंका जताई कि पटना के बेऊर जेल में उनकी मौजूदगी से कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। डीएम और एसएसपी ने जेल आईजी को रिपोर्ट भेजकर उन्हें स्थानांतरित करने का अनुरोध किया, जिसके बाद 24 अक्टूबर 2025 को मुन्ना शुक्ला को विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर में शिफ्ट कर दिया गया। चुनाव में उनकी बेटी शिवानी शुक्ला को राजद से लालगंज सीट पर उतारे जाने के बाद मामला और संवेदनशील हो गया था।

हाजीपुर कोर्ट में पेशी को लेकर हाई-अलर्ट

जेल प्रशासन के अनुसार पेशी के दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात रहेगी और कोर्ट परिसर में एंट्री पर कड़ी चेकिंग होगी। काफिला एस्कॉर्ट व्यवस्था में पुलिस की कई टीमें शामिल होंगी। अदालत और प्रशासन दोनों अब इस मामले पर नज़रें गड़ाए हुए हैं, क्योंकि पेशी से राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तर पर नई हलचल पैदा होने की संभावना जताई जा रही है।