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SIR Inside Story Bihar : वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा वोटर मगध में जुड़े सीमांचल में कटे, पढ़िए इनसांइड स्टोरी

SIR Inside Story Bihar एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने से पहले और अंतिम मतदाता सूची के अनुसार मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में औसतन 7.7% वोटर्स का नाम कटा है। यह बिहार में जिलेवार हटाए गए नामों के औसत 5.9% से अधिक है।

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SIR Inside Story: भारत निर्वाचन आयोग ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है। चुनाव आयोग स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)के बाद जो रिपोर्ट जारी की उसके बाद इसपर विवाद होना तय माना जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में महागठबंधन के गढ़ माना जाने वाला मगध क्षेत्र में सबसे ज्यादा नए वोटर जुड़े हैं। जबकि मुस्लिम बहुल सीमांचल में सबसे ज्यादा वोटरों के नाम काटे गए हैं। अंतिम मतदाता सूची के अनुसार बिहार में कुल 7.42 करोड़ पात्र मतदाता हैं। ड्राफ्ट से अंतिम सूची में करीब 18 लाख नए मतदाता जुड़ गए।

एनडीए की कमजोर कड़ी मगध क्षेत्र

बिहार में वर्ष 2020 में हुए चुनाव में मगध क्षेत्र की 47 में से 30 सीटें महागठबंधन ने जीती थीं। 30 में आरजेडी अकेले 22, जबकि बीजेपी 9 और जेडीयू 5 सीटें जीती थीं। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में भी एनडीए का इस क्षेत्र में प्रदर्शन कमजोर ही था। इस क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एनडीए की ओर से पिछले कई वर्षो से काम किए जा रहे हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया। मगध में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अगस्त में गया का दौरा किया और करीब 12,000 करोड़ के विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

मगध में महागठबंधन

जहानाबाद के तीन विधानसभा में से सभी पर महागठबंधन का कब्जा है। इसी प्रकार से औरंगाबाद के सभी छह और अरवल के दो विधानसभा सीटों पर भी महागठबंधन का कब्जा है। गया के 10 विधानसभा सीटों में से 6 विधानसभा सीट पर महागठबंधन का कब्जा है। नवादा के पांच विधानसभा में से चार पर महागठबंधन का कब्जा है। बीजेपी इस गणित को बदलना चाहती है। बीजेपी इसको लेकर पिछले कुछ वर्षो से प्रयास भी कर रही है।

वोटर जुड़वाने में मगध सबसे आगे

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार दिलचस्प बात यह है कि मगध क्षेत्र, जहां 2020 में एनडीए का सबसे कमजोर प्रदर्शन हुआ था, वहां पूरे बिहार में सबसे ज्यादा वोटर जोड़ने की दर (2.6%) दर्ज की गई। यह संयोग है या प्रयोग। इसपर शुक्रवार से विवाद होना तय है। इस क्षेत्र में कुल 7 जिले शामिल हैं। पटना जिले में सबसे ज्यादा 1.6 लाख यानी 3.4% मतदाता वृद्धि दर्ज की गई है। वही इस क्षेत्र के नवादा जिले में सबसे कम 1.8% वृद्धि दर्ज की गई।

सीमांचल में 48 फीसदी मुस्लिम आबादी

सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों मे मुस्लिमों की आबादी लगभग 48% है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने यहां की 7 सीटों पर जीती थी, जबकि एनडीए को 12 सीटों पर जीत मिली थी। इसी प्रकार से एआईएमआईएम ने पहली बार अपना खाता खोलते हुए 5 सीटें अपने नाम किया था। हालांकि, बाद में AIMIM के पांच में से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद जो रिपोर्ट सामने आयी है उसमें नाम काटने की दर सबसे अधिक इसी क्षेत्र में है। हालांकि यहां पर सीमांचल में ड्राफ्ट रोल के बाद अंतिम मतदाता सूची में 2.4% ही नए वोटर्स जोड़े गए हैं। जो कि राज्य औसत वृद्धि दर 2.3% के लगभग बराबर है।