बीजेपी ने 101 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और अब राज्य की सियासत में गंभीर हलचल शुरू हो गई है। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया कल यानी 10 अक्टूबर से शुरू हो रही है। इस चरण में कुल 121 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिनमें उत्तर बिहार और मगध क्षेत्र के कई प्रमुख जिले शामिल हैं। उम्मीदवार 17 अक्टूबर तक अपने नामांकन दाखिल कर सकेंगे, जबकि 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 20 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपने नाम वापस ले सकते हैं। पहले चरण के लिए वोटिंग 6 नवंबर को होगी और 4 नवंबर को शाम 5 बजे प्रचार समाप्त होगा।
हालांकि चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से अब तक एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे और प्रत्याशियों को लेकर कोई फाइनल फैसला नहीं लिया गया है। दोनों ही गठबंधन में लगातार बैठकों और रूठने-मनाने का दौर चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, दोनों गठबंधन अगले एक-दो दिन में सीट बंटवारे पर मुहर लगा सकते हैं और प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर सकते हैं।
पहले चरण की 121 सीटों में एनडीए के पास 62 सीटें हैं, जबकि महागठबंधन के पास 59 सीटें हैं। एनडीए के अंदर भाजपा की स्थिति सबसे मजबूत है। भाजपा के पास इस बार पहले चरण की 121 सीटों में 38 सीटें हैं। 2020 के चुनाव में भाजपा ने इनमें से 32 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा, वीआईपी के चार विधायक और कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव के भाजपा में शामिल होने से पार्टी का दायरा बढ़ा है।
जदयू के पास पहले चरण की इन 121 सीटों में 24 सीटें हैं। 2020 में रालोजपा से जीते राजकुमार सिंह के जदयू में शामिल होने से पार्टी की संख्या में एक और बढ़ोतरी हुई है। वहीं, लोजपा (रामविलास) की इस बार इन सीटों में कोई मौजूदा सीट नहीं है।
महागठबंधन के पास 59 सीटें हैं, जिनमें से राजद 41 सीटों पर मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस के 8 विधायकों की साख इस चरण में दांव पर है। इसके अलावा, भाकपा (माले) की 7, सीपीआई और सीपीएम की दो-दो सीटें पहले चरण में शामिल हैं, जबकि वीआईपी के पास कोई सीट नहीं है।
2020 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण की कई सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। उदाहरण के लिए, सहरसा में भाजपा ने राजद को हराया था, जबकि सिमरी बख्तियारपुर में राजद ने वीआईपी को मात दी। बेगूसराय में भाजपा ने कांग्रेस को पराजित किया और आरा में भाजपा का सामना भाकपा माले से हुआ। वहीं राघोपुर सीट पर राजद का कब्जा बरकरार रहा।
पहले चरण के चुनाव में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है और यह चरण बिहार विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकता है। दोनों गठबंधन इस बार अपने कोर वोट बैंक के साथ नए क्षेत्रों में पैठ बनाने की कोशिश में हैं। इन सीटों पर जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों की अहम भूमिका है। एनडीए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी के विकास एजेंडे पर भरोसा जताते हुए चुनाव प्रचार करेगी, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, महंगाई, किसान समस्याओं और स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच उतरने की तैयारी में है।
एनडीए और महागठबंधन के बीच अब तक प्रत्याशियों के नामों को लेकर सहमति नहीं बनी है। एनडीए में विशेष रूप से जदयू और लोजपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर तनाव है। सूत्र बताते हैं कि जदयू की कई सीटों पर चिराग पासवान की लोजपा का दावा है, जिसे लेकर जदयू की चिंता बढ़ी है। वहीं महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर अंतिम समझौता अभी बाकी है। वहीं, मुकेश सहनी डिप्टी सीएम की कुर्सी मांग रहे हैं, जिसे कांग्रेस और माले ने नकार दिया है। चर्चा है कि आने वाले दो दिनों में एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधन अपने-अपने प्रत्याशियों और सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं।
Published on:
09 Oct 2025 12:42 pm
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