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अब तारीख पर तारीख नहीं! बिहार में अपराधियों को सजा मिलने में नहीं होगी देरी, सम्राट चौधरी का नया प्लान तैयार

Bihar News: बिहार सरकार ने अपराध और लंबित मामलों पर लगाम कसने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों का बड़ा प्लान तैयार कर लिया है। सम्राट चौधरी ने ऐलान किया है कि राज्य में अब 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेंगे।

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पटना

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Anand Shekhar

Dec 07, 2025

Samrat Chaudhary

बिहार डिप्टी CM सम्राट चौधरी (IANS)

Bihar News:बिहार में अब अपराधियों के लिए लंबे समय तक कानून से बचना आसान नहीं होगा। राज्य की नई सरकार बनने के बाद गृह विभाग भारतीय जनता पार्टी के पास आते ही कानून-व्यवस्था को लेकर बड़ा और सख्त फैसला लिया गया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य में 100 फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करने की घोषणा कर दी है। इस फैसले का सीधा असर यह होगा कि अब केस सालों तक नहीं, बल्कि महीनों में निपटाए जाएंगे और पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा।

18 लाख से ज्यादा केस लटके, सिस्टम पर दबाव

सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार की अदालतों में इस समय 18 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इससे न केवल आम जनता को न्याय मिलने में देरी होती है, बल्कि न्यायिक व्यवस्था पर भी भारी दबाव पड़ता है। सरकार का मानना है कि फास्ट-ट्रैक अदालतों के गठन से नियमित अदालतों का बोझ कम होगा और संगीन मामलों पर तेजी से सुनवाई संभव हो सकेगी।

900 से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती

इन 100 फास्ट-ट्रैक अदालतों को प्रभावी रूप से चलाने के लिए बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की जाएंगी। सम्राट चौधरी ने बताया कि बेंच क्लर्क, ऑफिस क्लर्क, स्टेनोग्राफर, डिपोजिशन राइटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, चालक, प्रोसेस सर्वर और चपरासी समेत करीब 900 पदों पर जल्द भर्ती की जाएगी। इससे न सिर्फ न्याय प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।

गंभीर मामलों के लिए 79 विशेष अदालतें

गृह मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि शस्त्र अधिनियम (आर्म्स एक्ट) से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 79 अदालतों को विशेष अधिनियम अदालत के रूप में नामित किया जाएगा। इन अदालतों में अवैध हथियार, फायरिंग, तस्करी और गैंगवार जैसे मामलों की रोज सुनवाई कर जल्द सजा सुनिश्चित की जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे अपराधियों में डर और कानून का असर साफ दिखेगा।

पटना से लेकर बगहा तक बनेगी फास्ट-ट्रैक अदालतें

सरकार ने जिलेवार फास्ट-ट्रैक अदालतों की संख्या भी तय कर दी है। अकेले पटना में 8 अदालतें, जबकि गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में 4-4 कोर्ट स्थापित होंगी। नालंदा, रोहतास, सारण, बेगूसराय, वैशाली, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और मधुबनी में तीन-तीन अदालतें बनाई जाएंगी। इसके अलावा पश्चिम चंपारण, सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर, नवादा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सीवान, गोपालगंज, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बांका, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय और खगड़िया में दो-दो फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित होंगी। वहीं नौगछिया और बगहा अनुमंडल के लिए एक-एक अदालत का भी प्रस्ताव है।

सुधरना होगा या बिहार छोड़ना होगा - सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी ने भू-माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि बिहार सरकार अब ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “बिहार अपराधियों के लिए नहीं है। जो यहां कानून तोड़ेगा, उसे या तो सुधरना होगा या राज्य छोड़ना होगा।” उन्होंने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।