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एमपी के इन गांवों में ‘ULTRA TECH’ का खौफ, घर छोड़ जा रहे ग्रामीण, दीवारों पर लिखा ‘मकान बेचना है’

MP News: एमपी के रीवा जिले में आने वाले गांवों का मामला, अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के चलते सैकड़ों ग्रामीण परेशान, मकान बेचकर गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे ग्रामीण, पढ़ें पूरा मामला

4 min read

रीवा

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Sanjana Kumar

Oct 17, 2025

MP News Villagers forced to migrate in rewa district

MP News Villagers forced to migrate in rewa district: घरों की दीवारों पर लिखवाया मकान बेचना है।

MP News: मृगेंद्र सिंह@पत्रिका: मध्य प्रदेश के रीवा शहर से 20 किलोमीटर दूर स्थित नौबस्ता के आसपास के गांव के लोग दहशत में हैं और अपने घरों की दीवारों पर लिख रहे हैं मकान बेचना है… दरअसल नौबस्ता में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी का प्लांट लगा है, जो अब आसपास के की गांवों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। स्थिति ये है कि यहां लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

यहां पढ़ें पूरा मामला

दरअसल, अल्ट्राटेक कंपनी की ओर से यहां की लगातार खुदाई की जा रही है, जिससे यहां प्रदूषण बढ़ रहा है। इन दिनों सोनरा गांव में ब्लास्टिंग के चलते घरों में पत्थर गिर रहे हैं, जिससे खपरैल वाले घरों को बड़ा नुकसान हो रहा है। साथ ही जानमाल का खतरा भी बना हुआ है। लगातार प्रशासन से शिकायतें करने के बाद भी कोई राहत नहीं मिल रही तो, अब ग्रामीणों ने तय किया है कि वह अब यहां नहीं रहेंगे। घरों में लोगों ने सूचना लिख दी है कि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी की खुदाई की वजह से पत्थर घरों में आ कर गिर रहे हैं। वहीं पूरे गांव में प्रदूषण भी बढ़ रहा है, इसलिए मकान बेचना है।

जिला प्रशासन नहीं कर रहा सुनवाई, तो ग्रामीणों ने लिया निर्णय

गांव के लोगों ने लगातार बैठकें करने के बाद यह निर्णय लिया है। अब घरों के बाहर लिखी गई सूचना ने जिला प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। गांव वालों का कहना है कि इसके पहले कई बार कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारियों के पास शिकायतें की जा चुकी हैं। जब प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तब, गांव के लोगों ने बैठकें कर आम राय बनाई है कि सभी लोग एक साथ गांव छोड़कर कहीं दूर चले जाएंगे। जिस गति से ब्लास्टिंग और प्रदूषण बढ़ रहा है, उससे समस्या बढ़ रही है। एक ओर गांवों के लोग पलायन करने को तैयार हैं।

घरों को नुकसान, बोरिंग पर भी असर

सोनरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि ब्लास्टिंग के चलते घर पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कच्चे मकानों की खपरैल टूट रही है, पक्के मकानों की छतें भी प्रभावित हो रही हैं। पत्थर लगने से मवेशियों को भी चोट लग रही हैं। गांव में बड़ी संख्या में बोरिंग खराब हो चुके हैं। इनमें मोटर पंप फंस गए हैं जिससे बड़ा नुकसान हो रहा है। बरसात के बाद गांव में पेयजल का बड़ा संकट उत्पन्न होगा।

कंपनी को घर बेचने को मजबूर

सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक द्वारा लगातार अपनी खदान का दायरा बढ़ाया जा रहा है। जिसके चलते सोनरा गांव में करीब 500 घर-परिवारों पर छत बचाने का संकट उत्पन्न हो रहा है। गांव वालों ने अपने घरों की दीवारों पर मकान बेचने की सूचना लिखवा दी है लेकिन, ऐसे खतरे भरे हालात में बाहर से कोई भूमि और भवन खरीदने नहीं आ रहा है। इसलिए ग्रामीण अब कंपनी को घर बेचने को मजबूर हो गए हैं।

चार महीने पहले बने मकानों में आई दरारें

ब्लास्टिंग का असर केवल सोनरा गांव तक सीमित नहीं है। आसपास के बैजनाथ, खम्हरिया, हिनौती, नेरौरा आदि पर भी इसका असर नजर आ रहा है। मद्धेपुर निवासी धीरेन्द्र कुमार साहू बताते हैं कि हर दिन दोपहर डेढ़ से दो बजे के बीच ब्लास्टिंग होती है। करीब चार महीने पहले मकान बनकर तैयार हुआ है, उसमें दरारें आ गई हैं। भूकंप के झटके जैसे महसूस होते हैं। कुछ अवैध खदानों में भी ब्लास्टिंग होती है। हम लोगों के घर तक तो पत्थर नहीं आते लेकिन, खेतों में आ रहे हैं।

ग्रामीणों ने कहा जीना मुश्किल हो गया है


एमपीके रीवा जिले के भोलगढ़, बैजनाथ, छिजवार सहित कई गांवों में प्रदूषण की बड़ी समस्या है। ब्लास्टिंग से पत्थर घरों में गिर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। हम सब जिला प्रशासन को लगातार आवेदन दे रहे हैं, जांच कराने का आश्वासन मिलता है पर होता कुछ नहीं। जलस्तर अभी से घटने लगा है, दो महीने बाद संकट और बढ़ जाएगा।

लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी, सरपंच भोलगढ़

हमारे गांव तक सीमेंट कंपनी की खदाने पहुंच गई हैं। ब्लास्टिंग होती है तो पत्थर घर पर आ रहे हैं। धूल ऐसे छाई रहती है जैसे कोहरा छाया हो। प्रशासन से लगातार मांग के बाद भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। गांव वालों ने तय किया है कि यहां का मकान और जमीन बेचकर कहीं और चले जाएंगे। इसीलिए घरों पर सूचना लिखवा दी है।
-अंजनी कुमार उपाध्याय, निवासी सोनरा

मामला संज्ञान में आया है

मामला संज्ञान में आया है, जांच कराएंगे। उद्योगों के संचालन में पर्यावरणीय नियमों के अनुरूप काम होना चाहिए। वास्तवित स्थिति का परीक्षण कराने के लिए टीम भेजी जाएगी। यदि नियमों के विरुद्ध कार्य हो रहा है तो उस पर कार्रवाई होगी।
-प्रतिभा पाल, कलेक्टर रीवा