
MP Wildlife in Danger Wild Animals Trafficking Network Increased (फोटो: सोशल मीडिया modify by patrika.com)
MP News: घने जंगल, सोन, जोहिला और नर्मदा तीन नदियां और तीन नेशनल पार्कों का इलाका ऊदबिलाव और पैंगोलिन तस्करी का गुप्त ठिकाना बन गया है। जलीय और स्थलीय जीवों की विविधता के लिए खास शहडोल संभाग और आसपास के वन क्षेत्र बांधवगढ़, संजय टाइगर रिजर्व और अमरकंटक वन परिक्षेत्र के साथ अचानकमार शिकारियों की गिरफ्त में हैं। उन्होंने ऊदबिलाव की खाल और पैंगोलिन के शल्क की तस्करी के लिए गांव-गांव में नेटवर्क बना रखा है। ग्रामीणों के जरिए वे रैकी करा रहे हैं। फिर वन्य प्राणियों की खरीदी कर बाहर खपा रहे हैं।
आलम यह है कि 5 साल में ही शहडोल में 10 से ज्यादा पैंगोलिन से जुड़े केस सामने आए हैं। अधिकांश मामले ग्रामीणों या स्थानीय बिचौलियों तक सीमित रहे। जिम्मेदार कभी बड़ा गिरोह या नेटवर्क नहीं पकड़ सके। हद यह है कि कुछ मामलों में कोर्ट ने तस्करों को सजा भी दी, लेकिन वन्य प्राणियों की तस्करी कम नहीं हो रही।
तीन नदियों की वजह से अमरकंटक और राजेन्द्रग्राम क्षेत्र में भी ऊदबिलाव की मौजूदगी हैं। यहां भी पहले तस्कर ऊदबिलाव को बोरी में बंद कर ले जा रहे थे। हालांकि रास्ते में पैंगोलिन गिर गया तो डरकर शिकारी उसे छोड़ कर ही भाग गए थे।
चार साल पहले डब्ल्यूसीसीबी, बांधवगढ़ व वन विभाग की टीम ने चार साल पहले हवाई पट्टी उमरिया के पास पैंगोलिन तस्करी करते एक पुलिसकर्मी सहित पांच आरोपियों को पकड़ा था। एक जिंदा पैंगोलिन भी जब्त किया। आरोपी पैंगोलिन को क्षेत्र की सीमा से पार कराने की फिराक में थे।
पिछले ही माह अक्टूबर में शहडोल वन विभाग की टीम ने पैंगोलिन तस्करी में एक पादरी समेत 10 तस्करों को गिरफ्तार किया। उनका 5 जिले शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी और जबलपुर में नेटवर्क था। आरोपियों से डेढ़ किलो से ज्यादा पैंगोलिन की खपटें समेत जिंदा कछुआ बरामद किया था।
शिकार पर रोक लगाने व आरोपियों की धरपकड़ की रणनीति बना रहे हैं। रात्रि गश्त को और मजबूत कर रहे हैं। वन क्षेत्र के ऐसे लोकेशन चिह्नित किए जाएंगे, जहां ये जीव बहुतायत नजर आते हैं।
- डॉ. अनुपम सहाय, क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रभारी, मुख्य वन संरक्षक, वन वृत्त शहडोल संभाग
Published on:
04 Nov 2025 11:53 am
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