
दारा सिंह फोटो (पत्रिका नेटवर्क)
दारा सिंह, किंग कौंग, रंधावा, पाकिस्तान के अली शान और फ्रीस्टाइल कुश्ती के कई बड़े-बड़े नाम राजधानी दिल्ली के रणजीत होटल में ठहरते थे। ये बातें हैं 1960 और 1970 के दशकों की। ये होटल ऐतिहासिक रामलीला मैदान से चंद कदमों की दूरी पर था। ये पहलवान जब होटल से निकलकर अम्बेडकर स्टेडियम में होने वाले फ्रीस्टाइल कुश्ती चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जाते, तो इनके चाहने वाले अपने पसंदीदा खिलाड़ियों से मिलने होटल में घुस जाते थे। आइए जानते हैं कि क्यों होटल रणजीत चर्चा में आया है।
करीब दो दशक पहले रणजीत होटल इतिहास के पन्नों में समा गया था। 1968 में बने होटल को 2002 में तोड़ दिया गया था ताकि वहां एक मॉडर्न बिल्डिंग को खड़ा किया जा सके।
रणजीत होटल को जब सब भूल चुके थे तब पिछले हफ्ते ये एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार, अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस सेंटर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अटैच कर लिया है। दरअसल, रिलायंस सेंटर उसी रणजीत होटल की जगह पर बना है, जो राजधानी के दिल में करीब 3 एकड़ में फैला था। इसकी लोकेशन लाजवाब थी। नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली के बिल्कुल बीचोबीच। इस लोकेशन से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर चांदनी चौक और लाल किला है और नई दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस भी इससे करीब एक किलोमीटर के फासले पर है।
यहां पर तब भी आते थे जब वे फिल्मों में काम करने लगे थे। दिल्ली- 6 इक्सेल्सीअर सिनेमा हॉल में दारा सिंह की मारधाड़ और बेसिर पैर की फिल्मों को देखने का कोई मौका नहीं छोड़ती थी। दारा सिंह की वीर भीमसेन, टार्जन कम्स टू दिल्ली, सिंकदर-ए-आजम, संगदिल और रुस्तम-ए-हिंद जैसी फिल्मों को दिल्ली ने बहुत पसंद किया था। इक्सेल्सीअर सिनेमा हॉल के मैनेजर रहे मधुसूदन शर्मा बताते थे कि दारा सिंह की फिल्मों को दर्शक बड़े मन से देखते थे। एक फिल्म में वे खलनायक का घोड़े में बैठकर पीछा कर रहे थे। उस सीन को दर्शक बहुत गौर से देखते थे। कुछ इतने रोमांचित होने लगते थे कि वे सीट पर खड़े होकर कहने लगते थे, ‘अबे तेरा बाप आ रहा है पीछे।’
रणजीत होटल का नाम पंजाब के महान सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया था, जिन्हें ‘पंजाब का शेर’ कहा जाता था। महाराजा रणजीत एक ऐसे शूरवीर थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी फटकने नहीं दिया। रणजीत सिंह का जन्म सन 1780 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) के जट्ट सिख परिवार में हुआ था। महाराजा रणजीत ने अफगानों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं और उन्हें खदेड़ दिया।
रणजीत होटल में बिज़नेस ट्रैवलर, कम बजट वाले विदेशी टूरिस्ट और दूसरे मेहमान ठहरते थे। सोशल वर्कर आशीष वर्मा बताते हैं, “रणजीत होटल दिल्ली-6 वालों का फेवरेट था। शादियां और दूसरे फंक्शन कराने के लिए यह होटल उनकी पहली पसंद बनता था। मुझे याद है कि मैं अपनी मम्मी-पापा के साथ वहां कई शादियों में गया। मेरे पापा हरि चंद वर्मा जब हौज़ क़ाज़ी सीट से दिल्ली नगर निगम के मेंबर थे, तो वे अपने दोस्तों के साथ रणजीत होटल के कॉफी शॉप में बैठते थे। वे बताते थे कि दारा सिंह और रंधावा अक्सर वहां रुकते थे।”
रणजीत होटल ज़्यादा महंगा नहीं था। यह 3-स्टार होटल था, जिसमें करीब 186 कमरे थे—सिंगल, डबल और एसी वाले। रणजीत होटल को इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईटीडीसी) चलाता था। यह होटल कंपनी से निजीकरण से पहले तक आईटीडीसी के अशोक ग्रुप का हिस्सा था। 1970 में रणजीत होटल को लोधी और जनपथ होटल के साथ आईटीडीसी में मिला दिया गया। आखिरकार 2002 में आईटीडीसी के विनिवेश प्रोग्राम के तहत इसे अनिल अंबानी ग्रुप को बेच दिया गया। रिलायंस के हाथ में आने के बाद रणजीत होटल बंद हो गया और फिर यहां खड़ी की गई एक शानदार इमारत।
पेशे से ट्रांसपोर्टर अजय सोलोमन, जिनके पिता रणजीत होटल में काम करते थे और उन्हें होटल के अंदर ही घर मिला था, वे बताते हैं कि मोहनबागान और ईस्ट बंगाल जैसी फुटबॉल टीमें जब राजधानी में डीसीएम और डूरंड फुटबॉल चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आती थीं, तब वे भी रणजीत होटल में ही ठहरती थीं।
होटल रणजीत, अम्बेडकर स्टेडियम के बिल्कुल पास था। दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश दत्ता भी स्टाफ फ्लैट्स में रहते थे, क्योंकि उनके भाई सतीश को वहां घर मिला था। रमेश दत्ता के यहां रहने की वजह से ढेर सारे कांग्रेस वर्कर और लीडर वहां आते-जाते थे। रमेश दत्ता दिल्ली के डिप्टी मेयर भी रह चुके थे। रणजीत होटल में मल्टी-क्यूज़ीन रेस्तरां था, जहां इंडियन, कॉन्टिनेंटल और दिल्ली का लोकल खाना मिलता था। पुराने लोग बताते हैं कि यह होटल फैमिली-फ्रेंडली था। यहां के कमरे काफ़ी बड़े थे। सर्विस अच्छी थी और लोकेशन तो कमाल की थी ही।
रणजीत होटल को जैसे ही अनिल अंबानी ग्रुप ने खरीदा, उसके फौरन बाद स्टाफ क्वार्टरों में रहने वालों को फटाफट निकाल बाहर किया गया। उन्हें फ्लैट खाली करने के लिए मुश्किल से कुछ हफ्तों का वक्त दिया गया। खैर, एक बार फिर से जमींदोज हो गया होटल आज खबरों में आ गया है।
Published on:
06 Nov 2025 06:28 pm
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