
Prayagraj News: स्टांप चोरी के मामलों को लेकर एक चौंकाने वाली चुनौती सामने आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नोएडा, लखनऊ और कानपुर जैसे महानगरों की तुलना में छोटे जिले इस अपराध में कहीं आगे हैं। इस चौंकाने वाली सूची में, अयोध्या और प्रयागराज स्टांप चोरी के सर्वाधिक मामलों वाले जिलों के रूप में शीर्ष पर हैं।
अयोध्या और प्रयागराज बने सबसे बड़े केंद्र
राममंदिर निर्माण और आगामी विकास परियोजनाओं के कारण रियल एस्टेट में उछाल देखने वाले अयोध्या में स्टांप चोरी के 3077 मामले दर्ज हैं, जिसने इसे छोटे जिलों की श्रेणी में सबसे ऊपर पहुँचा दिया है। तेजी से बढ़ती जमीन कीमतों के बीच, रजिस्ट्री में कथित रूप से संपत्ति का मूल्य कम दिखाकर स्टांप ड्यूटी बचाने के प्रयासों में भारी इजाफा हुआ है। वहीं, प्रयागराज इस मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर है, जहां 3175 केस दर्ज हैं। यहां शहर और ग्रामीण दोनों इलाकों में बढ़ती जमीनों की कीमतों और बड़े पैमाने पर हो रही खरीद-फरोख्त ने स्टांप चोरी के मामलों को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, प्रयागराज में पुराने भूमि विवाद, बंटवारे, और समाजसेवी संस्थाओं की जमीनों से जुड़े सौदों में अनियमितताएं पहले से ही चर्चा में रही हैं, जिससे यह जिला स्टांप चोरी का प्रमुख केंद्र बन गया है।
छोटे जिलों में विवादों का विस्तार
यह स्थिति स्पष्ट करती है कि जमीनों की खरीद-फरोख्त के विवाद अब तेजी से छोटे जिलों तक फैलते जा रहे हैं। अयोध्या के आसपास के जिलों में भी मामलों की संख्या बढ़ी है, जिनमें जौनपुर (2107), गोंडा (1470), मथुरा (1446), आजमगढ़ (1236), और बलिया (1230) प्रमुख हैं।
बड़े शहरों में निगरानी मजबूत, बुंदेलखंड सबसे शांत
स्टांप एवं निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बड़े शहरों—जैसे नोएडा (1293 केस), लखनऊ (1793 केस), और कानपुर नगर (977 केस)—में स्टांप चोरी के अपेक्षाकृत कम मामले दर्ज होने का कारण राजस्व व उप निबंधन विभाग की मजबूत निगरानी व्यवस्था है। इन शहरों में डिजिटल रजिस्ट्री और सर्किल रेट में नियमित संशोधन के कारण चोरी की गुंजाइश कम हुई है। दूसरी तरफ, बुंदेलखंड क्षेत्र में जमीनें सस्ती होने के कारण स्टांप चोरी के वाद सबसे कम हैं। चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर जैसे सात जिलों को मिलाकर यहां मात्र 657 केस दर्ज हैं, जो अन्य जिलों की तुलना में काफी कम है।
निस्तारण की धीमी गति बड़ी चुनौती
प्रदेश भर में स्टांप चोरी के कुल 53,816 मामले दर्ज हैं, लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इनमें से 51,922 मामलों का निस्तारण अभी तक नहीं हो पाया है। निस्तारण की यह धीमी गति सरकारी राजस्व की वसूली में बड़ी बाधा उत्पन्न कर रही है और यह स्थिति प्रशासनिक कार्रवाई पर भी सवाल खड़े करती है। विभाग को इन जिलों में विशेष अभियान चलाकर लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने की आवश्यकता है ताकि राजस्व के नुकसान को रोका जा सके।
Updated on:
20 Nov 2025 10:42 pm
Published on:
20 Nov 2025 10:41 pm
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