4 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rice Mill Registration: चावल जमा नहीं, तो रजिस्ट्रेशन नहीं! जिले में कई मिलरों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई

Rice Mill Registration: विभाग ने साफ किया है कि 70% चावल जमा नहीं करने वाले मिलरों का इस बार मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं होगा।

3 min read
Google source verification
मिलरों का मिलिंग के लिए नहीं होगा पंजीयन (photo source- Patrika)

मिलरों का मिलिंग के लिए नहीं होगा पंजीयन (photo source- Patrika)

Rice Mill Registration: समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरू हुए 4 दिन बीत गए हैं, लेकिन अब तक कस्टम मिलिंग के लिए राइसमिलरों का पंजीयन शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में समितियों में धान की आवक तेज होने के बाद समस्या शुरू हो जाएगी। वहीं इस बार जमा करने योग्य चावल की मात्रा का 70 प्रतिशत चावल जमा नहीं करने वाले कई मिलरों के पंजीयन को लेकर पेंच फंसेगा। पिछले कुछ वर्षो से देखा जाए तो कस्टम मिलिंग की स्थिति जिले में खराब है, पुराना सीजन खत्म होने के बाद नया सीजन शुरू हो जाता है, लेकिन मिलरों का चावल जमा नहीं हो पाता है।

Rice Mill Registration: दो दर्जन राइसमिलरों का नहीं हो पाएगा पंजीयन

एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में आवंटन का अभाव होने के कारण चावल लंबित रहता है। इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। जिसके कारण अब तक राइसमिलरों का पंजीयन शुरू नहीं हो पाया है। जिले में कस्टम मिलिंग का कार्य करने वाले 100 से अधिक मिलर हैं, लेकिन अब इसमें से अब तक 15 लोगों ने ही कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराने आवेदन किया है।

पिछले खरीफ सीजन में दर्जन भर से अधिक मिलरों का चावल जमा न होने के कारण कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं हो पा रहा था, बाद में किसी तरह से चावल जमा कराया गया तब जाकर पंजीयन हो पाया। इस बार भी करीब दो दर्जन राइसमिलरों के पंजीयन नहीं हो पाएगा। इसके पीछे कारण यह है कि उक्त राइसमिलरों ने 70 प्रतिशत चावल जमा नहीं किया है। इससे कारण समितियों में धान की बफर स्थिति निर्मित हो सकती है।

7125 क्विंटल की हुई खरीदी

जिले में अब तक की स्थिति में देखा जाए तो दो दर्जन से अधिक समितियाें में 137 किसानों से उनके पंजीकृत रकबे में से 137.32 हेक्टेयर में 7125.60 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। बताया जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में ही आवक तेज हो जाएगी।

घरघोड़ा और खरसिया में एसडीएम के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने की कार्रवाई

घरघोड़ा और खरसिया अनुविभाग के तीन अलग-अलग ग्रामों में एसडीएम के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने आकस्मिक निरीक्षण कर अवैध रूप से भंडारण किए गए 1079 क्विंटल धान को जब्त कर मंडी अधिनियम के तहत संबंधितों के खिलाफ प्रकरण बनाकर कार्रवाई की गई है।

घरघोड़ा एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी के नेतृत्व में राजस्व एवं खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने तमनार के ग्राम बिजना में माखन गुप्ता पिता भुनेश्वर गुप्ता के घर में बड़ी मात्रा में अवैध धान भंडारित करने की सूचना पर जांच की। जांच के दौरान मौके पर 951 बोरी धान संग्रहित किया जाना पाया। उक्त धान को जब्त कर माखन गुप्ता के खिलाफ प्रकरण बनाया गया।

Rice Mill Registration: इसी तरह खरसिया एसडीएम प्रवीण तिवारी के नेतृत्व में मंडी सचिव प्रशांत कुलमित्र व मंडी निरीक्षकों की टीम ने खरसिया के काफरमार के समीप ग्राम केवाली अवैध धान भंडारण की सूचना पर दबिश दी। जांच टीम ने केवाली निवासी गुहादास महंत के घर में जांच में पाया कि उसके घर में करीब 128 बोरी धान संग्रहित किया गया है। संग्रहित धान के वैध दस्तावेज की मांग करने पर संबंधित ने प्रस्तत नहीं किया। इसके कारण उक्त धान को जब्त कर गुहादास के खिलाफ प्रकरण बनाया गया है।

खरीदी शुरू होते ही सक्रिय हुए बिचौलिए

समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरू होने के बाद व्यापारी व बिचौलिए सक्रिय हो गए है। कोई ओड़िशा से धान लेकर आ रहा है तो कोई रवि सीजन की धान खरीद कर संग्रहित कर रहा है और इसे अब समितियों में खपाने की तैयारी चल रही है।

खरीदी के साथ उठाव करने का नियम

धान खरीदी पॉलिसी में देखा जाए तो धान खरीदी के साथ ही साथ उठाव करने का नियम बनाया गया है, लेकिन मिलरों का पंजीयन न होने के कारण यह नियम कागजों में है। बताया जाता है कि मिलों के पंजीयन में भी काफी समय लगता है आवेदन के बाद भौतिक सत्यापन किया जाता है इसके बाद पंजीयन की कार्रवाई पूरी होती है।

नहीं होता है भौतिक सत्यापन

Rice Mill Registration: एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में आवंटन के अभाव में चावल जमा नहीं करते हैं, लेकिन वास्तव में देखा जाए तो राइसमिलों में न तो उठाव किए गए धान की मात्रा के हिसाब से चावल रहता है न ही धान रहता है। इस कारण से मिलरों का भौतिक सत्यापन नहीं किया जाता है।

कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराने अब तक 15 आवेदन आए हैं। 70 प्रतिशत चावल अधिकांश मिलरों का हो गया है, जिनका शेष है उनको चावल जमा करने कहा गया है: चितरंजन सिंह, जिला खाद्य अधिकारी