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ठंड में दिल पर डबल खतरा! रायपुर में दौड़ के दौरान शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टर्स ने कहा- ऐसे मौसम में रखें खास सावधानी…

CG News: रायपुर में एक 45 वर्षीय शिक्षक रोज मार्निंग वॉक पर जाते थे और कुछ दूर तक दौड़ भी लगाते थे। 6 दिन पहले उन्होंने अचानक 3 किमी की दौड़ लगा दी।

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ठंड में दिल पर डबल खतरा! रायपुर में दौड़ के दौरान शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टर्स ने कहा- ऐसे मौसम में रखें खास सावधानी...(photo-patrika)

ठंड में दिल पर डबल खतरा! रायपुर में दौड़ के दौरान शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टर्स ने कहा- ऐसे मौसम में रखें खास सावधानी...(photo-patrika)

CG News: पीलूराम साहू. छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक 45 वर्षीय शिक्षक रोज मार्निंग वॉक पर जाते थे और कुछ दूर तक दौड़ भी लगाते थे। 6 दिन पहले उन्होंने अचानक 3 किमी की दौड़ लगा दी। अचानक उनके सीने व बांह के पीछे दर्द शुरू हो गया। आनन-फानन में घर वाले उन्हें एक निजी अस्पताल लेकर गए।

वहीं इलाज के कुछ घंटे बाद शिक्षक की मौत हो गई। इस मौत ने घर वालों को तोड़कर रख दिया है। जान-पहचान वाले भी हतप्रभ है कि आखिर स्वस्थ शिक्षक की इतनी कम उम्र में मौत कैसे हो गई।

CG News: ठंड में ज्यादा दगा दे रहा दिल…

यही नहीं रविवार को बस्तर में एक 5वीं क्लास के बालक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह वार्मअप कर रहा था। दरअसल ठंड के सीजन में 45 वर्षीय शिक्षक व 13 वर्षीय छात्र की हार्ट अटैक से मौत हम सभी को अलर्ट करने वाला है। ठंड के सीजन में खून की नसें और खासकर हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली नसें सिकुड़ जातीं हैं। खून भी गाढ़ा हो जाता है।

इससे हार्ट को पंपिंग करने के लिए ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। इससे हार्ट अटैक से मौत हो सकती है। नसें सिकुड़ने के कारण ब्रेन स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है। 35 से 45 की उम्र में हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक चौंकाने वाला तो है, लेकिन हार्ट रोग विशेषज्ञों के अनुसार खानपान में आए बदलाव व जीवनशैली इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। आउटडोर एक्टिविटीज कम होना भी लोगों को बीमार कर रहा है।

गर्म कपड़े पहनने से खून सप्लाई करने वाली नसें कम सिकुड़तीं हैं।

चाय, कॉफी या सूप पीने से शरीर का तापमान मेंटेन करने में मदद मिलती है।

    नियमित व्यायाम करें। खून की सप्लाई अच्छी तरह से होती है।

    पौष्टिक और संतुलित आहार लेने से हार्ट मजबूत बना रहता है।

    इमरजेंसी में ये करें…

    1.यदि हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टरों को दिखाएं।

    2.हार्ट अटैक आए तो सीपीआर देने का प्रयास करें। इससे हार्ट की धड़कन वापस आती है।

    3.एंबुलेंस बुलाएं। विशेष डॉक्टर वाले अस्पताल लेकर जाएं, ताकि तत्काल इलाज हो।

    ठंड के सीजन में हार्ट अटैक के केस दो से तीन गुना बढ़ जाता है। खून गाढ़ा हो जाता है और नसें सिकुड़ जाती हैं। इससे हार्ट को पंपिंग के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है। स्मोकिंग व शराब सेवन से हमेशा दूर रहें। 40 की उम्र है तो नियमित जांच करवाएं। वार्मअप धीरे-धीरे शुरू करें। प्रदूषण के कारण समस्या बढ़ रही है।

    नवंबर-दिसंबर में बढ़ जाते हैं ऐसे मामले

    नवंबर-दिसंबर में हार्ट अटैक के केस बढ़ जाते हैं। एसीआई में पिछले साल नवंबर में 63 केस आए थे, लेकिन दिसंबर में 80 से ज्यादा केस आ गए थे। निजी अस्पतालों में भी दिसंबर में 200 से ज्यादा केस आए थे। मरीजों में स्थानीय के अलावा दूसरे जिलों व पड़ोसी राज्य के हैं। हार्ट रोग विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में दिल का खास ख्याल रखने की जरूरत है। ठंड के सीजन में हार्ट अटैक का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है। अस्पतालों में इन दिनों छाती, पीठ व कंधों में दर्द की शिकायत वाले मरीज भी पहुंच रहे हैं।

    रात का तापमान बढ़ा… 3 दिनों के बाद फिर लौटेगी ठंड

    प्रदेश में तापमान में वृद्धि होने के बाद ठंड का असर कम हो गया है। दरअसल उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवा कम मात्रा में आ रही है। इसलिए रातें कम सर्द हो रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन तक न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं आएगा। इसके बाद दो दिनों में रात का पारा 2 से 3 डिग्री तक गिरेगा।

    राजधानी में सोमवार को न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री तक पहुंच गया। यह सामान्य से 1.6 डिग्री ज्यादा है। वहीं अंबिकापुर इस सीजन में सबसे ठंडा चल रहा है। वहां न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री रहा। यह सामान्य से 1.3 डिग्री कम है। पेंड्रारोड, मैनपाट, सामरीपाट, चिल्फी घाटी में अभी भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मैदानी इलाकों में जरूर पारा चढ़ने से रातें कम सर्द हो रही हैं।

    मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार प्रदेश का मौसम शुष्क है। दंतेवाड़ा में अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री पर रहा, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। रायपुर का अधिकतम तापमान 30 डिग्री रहा, जो कि दंतेवाड़ा से कम है और चौंकाने वाला है। दंतेवाड़ा के आसपास पहाड़ व जंगल है। जबकि रायपुर कंक्रीट का जंगल है।