
जमीन-मकान की रजिस्ट्री हुई महंगी! 50 हजार की जगह देना होगा 5 लाख, सरकारी गाइडलाइन से बाजार में मचा हड़कंप...(photo-patrika)
CG Plot Registry: अजय रघुवंशी। छत्तीसगढ़ में अचल संपत्तियों की सरकारी गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी के साथ ही बाजार में हड़कंप मच गया है। जमीन, मकानों की रजिस्ट्री में बेतहाशा वृद्धि हो चुकी है। राजधानी और प्रदेश में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां सरकारी गाइडलाइन दरों में 20 प्रतिशत से लेकर 10 गुना तक की बढ़ोतरी की गई है।
इसका असर सीधे आम आदमी पर हो रहा है। इससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा, लेकिन यह पैसा आम जनता की जेब से आएगा। उदाहरण के तौर पर किसी क्षेत्र में सरकारी गाइडलाइन दर 1000 रुपए प्रति वर्गफीट होने पर 1000 वर्गफीट जमीन की रजिस्ट्री में जहां 1.05 लाख रुपए का टैक्स लगता था। गाइडलाइन दर पांच गुना बढऩे से अब 5.25 लाख रुपए का टैक्स लगेगा।
प्रदेश में ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहां सरकार ने सरकारी गाइडलाइन दरों में रिकार्ड वृद्धि की गई है। गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी के बाद जहां सरकार ने राजस्व में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की उमीद जताई है, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को महंगाई का डर सता रहा है। सरकार ने तर्क दिया है कि बाजार कीमत और सरकारी गाइडलाइन दरों में विषमताओं को दूर करने के लिए दरों में वृद्धि की गई है।
(नोट-सरकारी गाइडलाइन दर पहले 500 रुपए प्रति वर्गफीट होने की स्थिति में, 10 गुना वृद्धि पर अब 5000 रुपये प्रति वर्गफीट)
सरकारी गाइडलाइन दरों में बदलाव व हेक्टेयर दरों में परिवर्तन पर सरकार ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण, मुआवजा आदि मामलों में प्रकरण सामने आने के बाद 15 हजार वर्गफीट की रजिस्ट्री का दायरा वर्गमीटर में तय कर दिया गया है। इसके बाद की रजिस्ट्री हेक्टेयर दरों में होगी। रियल एस्टेट डवलपर्स अमित जैन ने कहा कि वर्गमीटर-हेक्टेयर दरों में परिवर्तन की वजह से बड़े भू-भाग की रजिस्ट्री महंगी हो गई है।
नवा रायपुर क्षेत्र के अभनपुर के बेंद्री गांव में जमीन की सरकारी गाइडलाइन दर सात गुणा महंगी हो चुकी है। उदाहरण के तौर पर इस क्षेत्र में एक एकड़ जमीन की खरीदी पर पहले जहां 16 लाख रुपए का स्टाप ड्यूटी व पंजीयन शुल्क लगता था। अब 1 करोड़ 25 लाख रुपए का टैक्स रजिस्ट्री विभाग को देना पड़ेगा। इससे संपत्ति खरीदने वालों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में बाजार की इसी विषमताओं को दूर करने के लिए सरकारी गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट प्रदान की थी, वहीं पंजीयन शुल्क 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया था। प्रदेश में भाजपा सरकार ने सरकारी गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट डेढ़ वर्ष पहले ही खत्म कर दी है, लेकिन पंजीयन शुल्क अभी भी 4 प्रतिशत पर ही अटका हुआ है।
क्रेडाई छत्तीसगढ़ प्रदेशाध्यक्ष पंकज लाहोटी ने कहा की अचल संपत्तियों की सरकारी गाइडलाइन दरों का अध्ययन कर रहे हैं। बड़े भू-भाग की जमीनों की गणना में वर्गमीटर और हेक्टेयर दर का नया फार्मूला लागू किया गया है, जिसमें 15 हजार वर्गफीट का मूल्यांकन प्रति वर्गमीटर की दर से व बाकी जमीनों की गणना हेक्टेयर दरों में होगी। इससे जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं। अलग-अलग मामलों पर अध्ययन के बाद हमारी टीम शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।
वर्गमीटर और हेक्टेयर दरों में परिवर्तन के बाद जमीन की सरकारी कीमतों में परिवर्तन हो चुका है। उदाहरण के तौर पर 30 हजार वर्गफीट की जमीन की कीमतें जहां पूर्व में हेक्टेयर दर के मुताबिक 75 लाख रुपए में बिकती थी, अब वह जमीन 1.87 करोड़ रुपए में बिकेगी।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने इस पूरे मामले में कहा कि बाजार व सरकारी दरों में असमानता दूर करने के लिए यह बदलाव किया गया है। पिछले कई वर्षों से बाजार की कीमत व सरकारी गाइडलाइन दरों में कीमतों में असमानता थी। इसके साथ ही प्रति वर्गमीटर व हेक्टेयर दरों में भी कीमतों को व्यावहारिक बनाया गया है।
Updated on:
22 Nov 2025 10:45 am
Published on:
22 Nov 2025 10:43 am
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