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EOW का बड़ा एक्शन! 3775 करोड़ के शराब–DMF घोटाले में 20 ठिकानों पर छापे, जानें पूरा मामला…

CG Raids: रायपुर में ईओडब्ल्यू ने 3775 करोड़ रुपए के शराब और डीएमएफ घोटाले में 9 जिलों के 20 ठिकानों पर रविवार को छापेमारी की।

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EOW का बड़ा एक्शन! 3775 करोड़ के शराब–DMF घोटाले में 20 ठिकानों पर छापे, जानें पूरा मामला...(photo-patrika)

CG Raids: छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईओडब्ल्यू ने 3775 करोड़ रुपए के शराब और डीएमएफ घोटाले में 9 जिलों के 20 ठिकानों पर रविवार को छापेमारी की। इस कार्रवाई में रायपुर में 6, बिलासपुर में 6, सरगुजा 2, दुर्ग, कोंडागांव, धमतरी, बस्तर और बलरामपुर में 1-1 ठिकाने शामिल हैं, इसमें शराब घोटाले से जुडे़ 12 और डीएमएफ के 8 परिसर शामिल हैं।

CG Raids: शराब और DMF घोटाले में बड़ी कार्रवाई

उक्त छापे की कार्रवाई शराब घोेटाले में जेल भेजे गए पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, निरंजन दास के परिजनों और डीएमएफ घोटाले में हरपाल सिंह अरोड़ा के करीबी लोगों के साथ ही ठेकेदारों के ठिकानों पर की गई है। तलाशी के दौरान उक्त सभी के ठिकानों से लेनदेन के महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं। इसमें शराब घोेटाले के अवैध वसूली, सिंडीकेट में शामिल लाभांवित लोगों के नाम, खरीदी गई प्रॉपर्टी, खर्चो और ट्रांजेक्शन का हिसाब मिला है।

इसी तरह डीएमएफ घोटाले में शामिल ठेकेदारों की भूमिका, कमीशनखोरी के दस्तावेज सहित रसूखदार लोगों का ब्योरा मिला है। छापेमारी की दायरे में आने वाले अनिल टुटेजा एवं निरंजन दास के परिजनों, ठेकेदारों के घर से बड़ी संख्या में पेपर्स और डायरी मिली है। इसमें कोडवर्ड में नाम मिले हैं। साथ ही अवैध वसूली में मिलने वाली हिस्सेदारी का ब्योरा मिला है। उक्त सभी में पिछले 3 साल में हुए लेनदेन, बैंक ट्राजेंक्शन, निवेश से संबंधित जानकारियां है।

कैश और प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद

तलाशी के दौरान सरगुजा में पशु चिकित्सक डॉ. अहमद के घर से 17 लाख कैश और करोड़ों की कीमत के जमीन के दस्तावेजमिले हैं। इसी तरह अन्य लोगों के ठिकानों से कैश, ज्वेलरी, निवेश और बेनामी प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले है। उक्त सभी को जांच के लिए जब्त किया गया है। देर रात तक इसके पूरा होने के बाद टीम लौटेगी।

डीएमएफ और शराब घोटाले में जमकर अवैध वसूली करने के साथ ही कमीशनखोरी हुई थी। इसके सिंडीकेट में शामिल अफसरों से लेकर ठेकेदारों और रसूखदार लोग लांभावित हुए थे। सभी को उनकी रसूख के अनुसार हर महीने कमीशन मिलता था। अवैध वसूली अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों के जरिए खपाते थे। तलाशी के दौरान उक्त सभी के दस्तावेज मिले है।