PM Dhan Dhanya Krishi Yojana: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली से देश के किसानों को 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कृषि परियोजनाओं का उपहार दिया। साथ ही दो नई योजनाएं प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया।
पीएम धन-धान्य योजना का लाभ जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा जिले को होगा। वहीं, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन में प्रदेश के सभी जिलों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय वर्चुअल जुड़े। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से खेती-किसानी की तस्वीर बदलेगी और आर्थिक सम्पन्नता भी आएगी।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती के दिन आज देश कृषि आत्मनिर्भरता का नया इतिहास रच रहा है। आज से प्रारंभ हुई दोनों योजनाएं देश के अन्नदाताओं को सशक्त बनाने और कृषि आत्मनिर्भरता के नए युग की शुरुआत है। खेती को लाभकारी और आधुनिक बनाने की दिशा में यह पहल मील का पत्थर सिद्ध होंगी।
सीएम ने दोनों नई योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही योजनाओं के शुभारंभ पर रायपुर में कृषि विभाग द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया और कृषि अभियांत्रिकी सब मिशन योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर, कृषि उपकरणों की चाबी भी सौंपी और अनुदान राशि का चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का बोलबाला है। जीएसटी में बड़ा रिफॉर्म हुआ है।
यह मिशन 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी मदद से देशभर में दाल की खेती में 35 लाख हेक्टेयर की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया। इसमें तुअर, उड़द और मसूर दाल की पैदावार बढ़ाई जाएगी। इस आयात निर्भरता को कम करने, बढ़ती मांग को पूरा करने, उत्पादन को अधिकतम करने और किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास होगा। मिशन 1000 प्रसंस्करण इकाइयों सहित कटाई-बाद की अवसंरचना के विकास में मदद करेगा। प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
इसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, सिंचाई और भंडारण में सुधार करना और ऋण की सुलभता तय करना है। इसका मुख्य ध्यान कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर होगा। इसमें 11 मंत्रालयों की 36 योजनाएं शामिल होंगी। जिला स्तरीय योजनाएं जिला कलेक्टरों द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों और नीति आयोग के सहयोग से तैयार की जाएंगी। डिजिटल डैशबोर्ड , किसान ऐप और जिला रैंकिंग प्रणाली पारदर्शिता, पहुंच और जवाबदेही तय होगी।
Published on:
12 Oct 2025 11:39 am
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