रायपुर में विजयादशमी की तैयारियां शुरू, WRS और रावणभाठा मैदान में रावण के पुतले तैयार...(photo-patrika)
Dussehra Utsav 2025: अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व विजयादशमी अब करीब है। 2 अक्टूबर को दशहरा उत्सव धूमधाम से मनेगा। शहर के बांसटाल में रावण के छोटे छोटे पुतले आकार ले रहे हैं। वहीं शहर में जहां रावण के नाम जमीन है, वहां धू-धूकर जलने के लिए रावण तैयार हो रहा है।
500 साल से गवाह है-ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान, जहां रावण का स्थायी पुतला बना हुआ है। शहर के दक्षिणी भाग के इसी मैदान में बुराई का प्रतीक रावण दहन करने के लिए पूरा शहर एकत्रित हुआ करता था। धीरे-धीरे विस्तार हुआ और अब यह उत्सव चारों तरफ भव्य स्तर पर मनाया जाता है। उत्सव कमेटियां इसी तैयारियों में जुटी हुई हैं।
ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान में इस बार 150वां दशहरा उत्सव, रामलीला का मंचन, आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा। इस मैदान का इतिहास प्राचीन दूधाधारी मठ से जुड़ा है। मठ में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण सहित प्रतिष्ठित है।
दशहरा के दिन भगवान का सोने के मुकुट से मठ के महंत रामसुंदर दास अभिषेक पूजन, महाआरती करते हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। शाम के पहर बालाजी की पालकी के साथ रामलीला के पात्र रावणभाठा मैदान पहुंचते हैं। फिर भव्य उत्सव मनाया जाता है।
बोरियाखुर्द के दशहरा उत्सव की तैयारी में रावण दहन के साथ ही रामलीला का मंचन एवं आतिशबाजी की धूम रहेगी। यहां 55 फीट ऊंचा रावण तैयार किया जा रहा है। रविवार को उत्सव कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक हुई और इस दौरान भूमिपूजन किया। समिति के अध्यक्ष गजेंद्र तिवारी, वार्ड पार्षद सुषमा तिलक साहू, कार्यकारी अध्यक्ष लच्छूराम निषाद, सचिव रुद्र कुमार साहू, उपाध्यक्ष रमेश कुमार नन्दे, दूजराम साहू सहित समिति के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
अध्यक्ष गजेन्द्र तिवारी ने बताया कि लोगों में काफी उत्साह है। पिछले 3 साल की तरह इस बार उत्सव भव्य होगा। रावण दहन के समय आकर्षक इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी की जाएगी। जस गीत सम्राट दुकालू यादव एवं उनकी टीम की प्रस्तुति विशेष रहेगी। मीडिया प्रभारी फलेश्वर साहू एवं प्रज्ञा प्रकाश निगम ने बताया कि भूमिपूजन में रामाधार साहू पूर्व सरपंच, चन्द्रहास निर्मलकर समाज सेवक, जितेन्द्र धुरंधर, नरेश साहू, कोमल साहू, अनन्त साहू सहित वार्ड के नागरिक उपस्थित थे।
हर जगह रावण के नाम जगह तय है। डब्ल्यूआरएस के दशहरा मैदान में विशालकाय 110 फीट का रावण और 85-85 फीट का कुंभकरण व मेघनाद के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। दशासन का मुखौटा तैयार हो चुका है। जिसे दशहरा के दिन पुतले में क्रेन की सहायता से लगाया जाता है।
मैदान में 100 लोगों की टीम जुटी हुई है। इस दशहरा उत्सव में मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित हजारों की संख्या में लोग उत्सव मनाने जुटते हैं। जिस समय रावण जलता है तो ट्रेनें रुक जाती हैं। सतरंगी आतिशबाजी की छटा पूरे मैदान में फैलती है। उत्सव का यह 53वां वर्ष होगा।
राजधानी में ऐसे दर्जनभर स्थान रावण के नाम हैं। शंकरनगर बीटीआई ग्राउंड, संजयनगर, चौबे कॉलोनी, कोटा रामनगर, सप्रे शाला मैदान, सुंदरनगर, न्यू राजेंद्रनगर अमलीडीह, बिरगांव जैसे अनेक स्थानों पर रावण दहन की तैयारियां जोरों पर हैं।
Published on:
29 Sept 2025 12:34 pm
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