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रिकॉर्ड तोड़ ठंड! MP का ये जिला 10 साल बाद सबसे ठंडा, पचमढ़ी को भी छोड़ा पीछे

MP weather: मध्य प्रदेश में ठंड ने जल्दी दस्तक दी है। राजगढ़ 13.5 डिग्री तापमान के साथ सबसे ठंडा जिला बना। रिकॉर्ड टूटा, ठंड से सेहत पर असर और खेती में फायदा दोनों दिख रहे हैं।

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MP weather record breaking winter arrival rajgarh coldest

MP weather record breaking winter arrival rajgarh coldest (फोटो- सोशल मीडिया)

Record Breaking Winter: मध्य प्रदेश में ठंड ने दस्तक (winter arrival) दे दी है। शनिवार को राजगढ़ जिला मध्यप्रदेश का सबसे ठंडा जिला रहा। यहां ठंड ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां सबसे कम 13.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। यह तापमान पचमढ़ी से भी कम है। अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री दर्ज किया गया। जिले की राते ठंडी हो गई है।

इस बार के बारिश के सीजन में औसत से करीब 388 मिमी से अधिक बारिश इस बार तुई है, इसी कारण ठंड शुरुआती समय से ही अपनी उपस्तिथि दर्ज करवाने लगी है। सुबह ठंडी होने लगी है और रात में भी ठंडक बढ़ गई है। (MP weather)

10 साल का टूटा रिकॉर्ड, धीरे-धीरे बढ़ेगी ठंड

10 साल में यह पहला मौका है जब तापमान इतना कम हुआ है। इससे पहले 11 अक्टूबर 2020 में तापमान 19.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जो कम माना जा रहा था। अभी तक बदले मौसम के मिजाज के कारण लोगों की सेहत भी खराब हो रही है और खेती-बाड़ी में फायदा भी हो रहा है। आगे भी धीरे-धीरे ठंड के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। (MP weather)

मौसम बदलते ही बीमार पड़ रहे लोग

अचानक बदले मौसम का सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। बच्चे और बुजुर्ग खासकर बीमार पड़ रहे है। रूटीन ओपीडी में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल की ओपोडी में करीब 200 बच्चों की एंट्री हो रही है, इससे पहले आम तौर पर 100 के भीतर ही बीमार बच्चे पहुंचते थे। वहीं, बुजुर्गों की संख्या भी अधिक है। यहां करीब 300 से अधिक 50 से अधिक आयु के बुजुर्ग पहुंच रहे है। कुल ओपीडी 600 के पार पहुंच गई है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. चंदा दांगी का कहना है कि वायरल की चपेट में पहले से ही बच्चे है। चिकित्सकीय सलाह ली जाना चाहिए। (MP weather)

ठंडक से रबी फसलों को फायदा

बदलते मौसम से भले ही लोग बीमार पड़ रहे हो लेकिन खेती-किसानी के लिए यह बेहतर समय है। खेतों में हाल में ती होती रही बारिश का असर दिख रहा है। नमी पहले से मौजूद रहे, जिसके कारण रबी के दौरान बाई जाने वाली फसलों को फायदा मिलेगा। ठंडक और नमी रहने से एक बार की सिचाई का काम खेत कर देते हैं। जिससे खासकर सरसों, मसूर, धनिया, गेहूं को फायदा मिल जाता है। फिलहाल खेतों में बारिश वाली नमी बरकरार है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि इसी नमी में किसान भाई रबी के सीजन की फसलों की बोवनी कर सकते हैं। (MP weather)

ज्यादा होती रही बारिश, बढ़ेगी ठंड

अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के शेष भागों, पश्चिम बंगाल, सिक्किम्, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ भागों से दक्षिणी-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। इसका असर है कि मौसमी गतिविधियां और बढ़ सकती हैं। भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र की पूर्वानुमान अधिकारी डॉ. दिव्या है. सुरेंद्रन के अनुसार आगामी सप्ताहभर के भीतर ठंडक और बढ़ सकती है। इस बार बारिश लंबे समय तक रहने के कारण ऐसी स्थितियां बन रही हैं। दिवाली तक ठंड और तेज होने की पूरी संभावना है। (MP weather)