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सीपेज की समस्या से फसलें और चारा बर्बाद

मातृकुण्डिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित किसानों का आंदोलन शनिवार को 39वें दिन भी जारी रहा।

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farmers news

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रेलमगरा. मातृकुण्डिया बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित किसानों का आंदोलन शनिवार को 39वें दिन भी जारी रहा। किसान धरना स्थल पर बैठकर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते नजर आए। आंदोलन के समर्थन में कपासन के पूर्व विधायक बद्रीलाल भी मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारी किसानों से चर्चा की। उन्होंने किसानों की समस्याओं को उच्च स्तर पर उठाने तथा समाधान का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उदयपुर में संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा के अधिकारियों की सहमति से बांध का जल स्तर लगभग तीन फीट कम किया गया। हालांकि किसानों के अनुसार इससे सीपेज की समस्या में कोई राहत नहीं मिली है।

किसानों ने बताया कि जवासिया और धुलखेड़ा सहित कई गांवों के दर्जनों खेतों में अब भी सीपेज का पानी भरा हुआ है, जिससे खेत तालाब जैसी स्थिति में बदल गए हैं। खरीफ की फसलें अभी तक पानी में डूबी पड़ी हैं, वहीं पशुओं के लिए काटा गया चारा भी सड़ चुका है, जिससे चारे का संकट गंभीर रूप ले चुका है।

बांध का जल स्तर भले ही कम हुआ हो, लेकिन खेतों में भरे पानी के कारण करीब 15 से 20 दिनों तक रबी की बुवाई संभव नहीं है। ऐसा होने पर किसानों को एक और फसल नुकसान होने की आशंका है। सीपेज का स्थाई समाधान नहीं होने से किसानों के अनुसार धरती से लगातार पानी रिसता रहेगा और बुवाई संभव नहीं हो सकेगी। किसानों ने सरकार से शीघ्र निर्णय लेने की मांग करते हुए कहा कि अपने अधिकार मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।