
आजम खान को मिलेगी राहत या सजा? Image Source - 'X' @AbdullahAzamKhan
Azam khan army remark case rampur: रामपुर में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के खिलाफ सेना पर दिए गए कथित विवादित बयान के मामले में सोमवार को अदालत में अंतिम बहस पूरी हो गई। एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसे 11 दिसंबर को सुनाया जाएगा। इस केस को लेकर न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल है, बल्कि कानूनी दृष्टि से भी यह फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह मामला 30 जून 2017 का है, जब भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में केस दर्ज कराया था। उस समय आजम खान सांसद थे और सपा कार्यालय में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। आकाश सक्सेना के अनुसार, आजम खान ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमला बोलते-बोलते अचानक सेना के जवानों पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिससे सेना की छवि और मनोबल को नुकसान पहुंचने का खतरा बताया गया था।
उस समय पुलिस ने मामले की विवेचना कर पूरी रिपोर्ट तैयार की और आजम खान के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया। पुलिस की इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि बयान का स्वरूप विवादित था और इससे कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक भावनाओं पर प्रभाव पड़ सकता था। वर्षों तक चली प्रक्रियाओं और तारीखों के बाद यह केस अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है।
एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई लंबे समय से चल रही थी। अभियोजन पक्ष की दलीलें पहले ही पूरी हो चुकी थीं। सोमवार को बचाव पक्ष की ओर से विस्तृत बहस की गई, जिसमें आजम खान के वकीलों ने तर्क दिया कि बयान को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया। दोनों पक्षों की बहस समाप्त होने के बाद न्यायालय ने पत्रावली को निर्णय के लिए सुरक्षित रख लिया और 11 दिसंबर की तारीख तय कर दी।
अब सभी की निगाहें 11 दिसंबर पर टिक गई हैं। राजनीतिक दलों, स्थानीय समर्थकों और विपक्षी नेताओं की ओर से भी इस फैसले को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। यह केस न केवल कानूनी दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि आजम खान के राजनीतिक भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Published on:
02 Dec 2025 10:39 am
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