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बीना के 23 महिला, पुरुषों से कर्नाटक में कराई जा रही बंधुआ मजदूरी, परिजनों ने पुलिस से की शिकायत

भोपाल में मजदूरी करने के लिए गए थे घर से, फिर बिना बताए ट्रेन से ले गए कर्नाटक

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23 women and men from Bina are being forced into bonded labour in Karnataka; their families have filed a police complaint.

एसडीओपी से शिकायत करने पहुंचे मजदूरों के परिजन

बीना. ग्राम कंजिया, देहरी, तजपुरा से मजदूरी करने गए 23 लोगों को कर्नाटक के बेनाकत्ति में बंधक बनाकर काम कराने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत परिजनों ने अधिवक्ता सैय्यद सज्जाद हुसैन के साथ एसडीओपी कार्यालय पहुंचकर की है।
परिजनों ने बताया कि 11 नवंबर को ओमप्रकाश निवासी फजलपुर मुंगावली भोपाल के पास गन्ना काटने के लिए 500 रुपए दिन मजदूरी की बात कहकर 23 लोगों को ले गया था। रात में भोपाल पहुंचने पर बताया कि दूसरे मजदूर आ गए है, इसलिए दूसरी जगह जाना पड़ेगा। इसके बाद 12 नवंबर की सुबह 6 बजे दूसरी ट्रेन में बैठे और रात 12 बजे पूर्वा जंक्शन पहुंच थे, जहां से एक वाहन में बैठाकर अंजान जगह खेतों में लेकर गए थे। वहां से ओमप्रकाश और मजदूर पुष्पा ने गांव की एक महिला को फोन लगाकर बताया कि वह किसी अंजान जगह पर हैं और सुबह 6 से रात 11 बजे तक गन्ना कटाई, लोडिंग का कार्य कराया जा रहा है। रुपयों की मांग करने पर गाली-गलौज, मारपीट की जा रही है। बीमार व्यक्तियों को इलाज के नहीं ले जा रहे हैं। परिजनों ने अधिवक्ता को इसकी जानकारी दी और फिर उन्होंने भानगढ़ थाना, कंजिया पुलिस चौकी में की है। उन्होंने बताया कि वहां सभी मजदूर फंसे हुए हैं और उनके मोबाइल भी छीन लिए है। कुछ लोग हैं, जिन्होने मोबाइल छिपा लिए हैं, उन्होंने चोरी-छिपे फोन लगाकर पूरा मामला बताया। एक युवक ने लाइव लोकेशन भेजी थी, जिसमें कर्नाटक का बेनाकत्ति लिखा आ रहा है।

आदिवासी परिवारों के है लोग
कंजिया निवासी गोपी आदिवासी ने बताया कि उनकी मां प्रभा आदिवासी, लडक़ा विशाल, मौसी फूलबाई सहित अन्य परिजन मजदूरी करने गए थे और सभी को ओप्रकाश लेकर गया था। फोन से जानकारी मिली है कि सभी को बंधक बना लिया है और उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही है। साथ ही गाली-गलौज कर मारपीट कर रहे हैं। इसी तरह जस्सु आदिवासी सहित अन्य परिवारों के सदस्य वहां फंसे हुए हैं। महिला, पुरुषों के साथ बच्चे भी हैं और उनसे भी कार्य कराया जा रहा है।

लेबर कमिश्नर ने की है बात
लेबर कमिश्नर ने संबंधित से बात की है। जिला और जगह का पता मजदूरों को नहीं है। परिजनों से मजदूरों ने बात की है, जिसमें बंधक जैसा मामला नहीं है। सभी लोग रुपए मांग रहे हैं और सामने वाले व्यक्ति काम करने के लिए कह रहे हैं। एक मजदूर को मजदूरी मिल गई है, लेकिन वह अकेला नहीं आ रहा है। फिर भी मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
नितेश पटेल, एसडीओपी, बीना